Posted on

बाड़मेर. बेआसरा पशुमुक्त बाड़मेर का सपना काफी पूरा तो हुआ लेकिन अभी भी यह अधूरा ही है। शहर में आवारा पशुओं की तादाद वर्तमान में काफी नजर आ रही है। विशेषकर शहर के अंदरुनी इलाकों में पशु डोलते रहते हैं। कई बार पशुओं के लडऩे से आसपास के लोगों की जान पर बन आती है।
बाड़मेर शहर की सबसे बड़ी समस्या बेआसरा पशुधन का जमावड़ा था। बेसहारा पशुधन ने कई जनों को चोटिल किया तो कुछ की जान भी गई। बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। नगरपरिषद ने लाखों रुपए खर्च कर कभी गुजरात भेजा तो कभी गोशालाओं में छुड़वाया। कांजी हाउस में भी पशुधन को रखा। हालांकि इसके बाद शहर के निकट नंदी गोशाला बनाई, जिसके बाद इस समस्या का एक हद तक समाधान हुआ। बाड़मेर शहर के अधिकांश बेआसरा पशुओं को नंदी गोशाला में डाल दिया।
बावजूद इसके अभी भी शहर में कई जगह बेआसरा पशुओं का डेरा है। यहां नजर आते बेआसरा पशु- शहर के सुभाष चौक, राय कॉलोनी रोड, नई सब्जी मंडी व पुरानी सब्जी मंडी के आसपास के इलाकों में आवारा पशु मंडराते रहते हैं। इनकी संख्या कम भले ही है, लेकिन अभी भी ये लोगों के लिए मुसीबत जरूर बने हुए हैं। बीच सडक़ रात में बसेरा- बेआसरा पशुधन का रात होते ही शहर की कई सडक़ों पर बसेरा होता है। इस दौरान यहां से गुजरने वालों को अनहोनी का डर रहता है।
सांडों की लड़ाई से होती दिक्कत- कई बार सांडों की लड़ाई बीच सडक़ होती है। इनकी चपेट में आने से वाहन चालक या पैदल चलने वालों को चोट लगने का खतरा रहता है।
अभी भी समस्या है- शहर में बेआसरा पशुओं की समस्या अभी भी है। नगरपरिषद एक बार अभियान चला कर पूरे शहर को बेआसरा पशुओं से मुक्त करे।- श्रवणकुमार, शास्त्रीनगर
अनहोनी का रहता डर- बेआसरा पशुधन कई बार आपस में सडक़ों पर लड़ते हैं, जिससे आसपास के घरों में रहने वालों को अनहोनी का डर रहता है। एक बार अभियान चला शहर को बेआसरा मुक्त किया जाए।- रतनलाल बोहरा, पूर्व पार्षद काफी हद तक मिटी समस्या- शहर में बेआसरा पशुधन की समस्या काफी तो मिट गई है। हमने पिछले दो-तीन माह में अभियान चलाया जिससे सफलता मिली है।अभी कहीं पर है तो जल्द ही उनको भी शहर से बाहर भेजा जाएगा।- सुल्तानङ्क्षसह, उप सभापति नगरपरिषद बाड़मेर

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *