जोधपुर.
कोरोना संक्रमण को लेकर लम्बे समय बाद प्री डीईएलईडी परीक्षा आयोजित होते ही नकल गिरोह सक्रिय हो गए। परीक्षा के अलग-अलग सेंटरों पर मूल अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देते एक शिक्षक सहित दो फर्जी अभ्यर्थियों को गिरफ्तार व एक नाबालिग को पुलिस ने सोमवार को संरक्षण में लिया। जबकि मूल अभ्यर्थी पकड़ में नहीं आ सके। गिरोह की सक्रियता के चलते पुलिस दिनभर सतर्क रही।
शास्त्रीनगर थानाधिकारी राजेन्द्रसिंह ने बताया कि शास्त्रीनगर में बरकतुल्लाह खां स्टेडियम के पास स्थित बालिका विशिष्ठ प्राथमिक विद्यालय में फर्जी अभ्यर्थी के होने की सूचना पर जांच शुरू की गई। तब प्रवेश पत्र की जांच में फोटो मिलान न होने पर जालोर जिले में चितलवाना थानान्तर्गत चिमड़ावास गांव निवासी कैलाश पुत्र बीरबलराम बिश्नोई को हिरासत में लिया गया। वह डूंगरपुर निवासी विशाल की जगह परीक्षा दे रहा था। परीक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर कैलाश बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया गया। विशाल की तलाश की जा रही है।
नाबालिग दे रहा था दूसरे की जगह परीक्षा
प्रतापनगर थाने के एएसआइ भारूराम ने बताया कि सिवांची गेट स्थित महेश उच्च माध्यमिक विद्यालय में जांच के दौरान जैसला गांव निवासी सत्रह वर्षीय फर्जी परीक्षार्थी को पकड़ा गया। वह संजय पुत्र बंशीलाल की जगह परीक्षा दे रहा था। परीक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर नाबालिग को संरक्षण में लिया गया।
सरकारी शिक्षक फर्जी परीक्षा देते गिरफ्तार
दूसरी तरफ, माहेश्वरी सीनियर सैकण्डरी स्कूल (अंग्रेजी माध्यम) में परीक्षा के दौरान फलोदी में जाम्बा गांव निवासी विनोद कुमार (२३) पुत्र रामरखराम बिश्नोई को फर्जी अभ्यर्थी के रूप में गिरफ्तार किया गया। वह रामेश्वर पुत्र सहीराम की जगह परीक्षा देते पकड़ा गया। आरोपी विनोद कुमार फलोदी तहसील में किशन नगर की मेघवालों की ढाणी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक है। पुलिस को अंदेशा है कि वह रुपए के बदले मूल अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दे रहा था।
दस हजार रुपए के बदले फर्जी परीक्षार्थी
शास्त्रीनगर थाना पुलिस की गिरफ्त में आने वाला फर्जी अभ्यर्थी कैलाश बिश्नोई बीए अंतिम वर्ष का छात्र है। उसने दस हजार रुपए के बदले विशाल की जगह परीक्षा दी थी।
Source: Jodhpur