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भवानीसिंह राठौड़
बाड़मेर। पाकिस्तान इंटेलिजेंस एजेंसी आइएसआइ पश्चिमी सीमा की तारबंदी को पार कर तस्करों को इस पार भेजने का खेल खेलने में जुट गई है। पाकिस्तान के अमरकोट, थारपारकर और सांगड़ क्षेत्र के बॉर्डर से जुड़े छोटे गांव-ढाणियों से तस्करों के नेटवर्क को फिर जोड़ा जाने लगा है।

मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट के जरिए सूचनाओं का आदान प्रदान आसान होने का नतीजा है कि नकली नोटों की खेप आने का खुलासा बीते दिनों हुआ है। भारतीय खुफिया एजेंसियां अब सीमांत क्षेत्र के गांवों में पुराने तस्करों के नेटवर्क पर पूरी नजर रखे हुए है।

हेरोइन व नकली नोट में पकड़ा गया कुख्यात खड्डूखान का पुत्र मुश्ताक खान आइएसआइ एजेंट निकला है, जो लंबे समय से सीमावर्ती क्षेत्र में भारतीय सेना की गतिविधियों की सामरिक महत्व की सूचनाएं आइएसआइ एजेंट को भेजकर उसकी एवज में बड़ी रकम उठा रहा था।

ऐसे में जाहिर है भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले सीमा पार के तस्कर व आइएसआइ संगठन अब भी मौके की तलाश में है। सूत्रों की मानें तो सीमा के उस पार बाड़मेर-जैसलमेर जिलों की सरहद के सामने स्थित पाकिस्तान के थारपारकर, अमरकोट व सांगड़ जिलों के छोटे गांवों में रहने वाले तस्कर सक्रिय हैं।

सीमावर्ती क्षेत्र की करता था जासूसी:
सेड़वा थाना क्षेत्र के बामरला डेर निवासी जासूस मुश्ताक अली ने पुलिस इंटेलीजेंस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि पिछले वर्षों से जासूसी गतिविधियों में सक्रिय था। मुश्ताक पाक हैण्डलिंग ऑफिसर के इशारे पर गोपनीय सूचनाएं उपलब्ध करवा रहा था। साथ ही सूचनाओं की एवज में धनराशि भी उपलब्ध करवाई।

पाकिस्तानी नेटवर्क भी भारतीय सीमा में:
पश्चिमी सीमा पर एक बड़ी समस्या पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क को लेकर भी है। यहां पाकिस्तान का नेटवर्क भारतीय सीमा में आ रहा है। तस्कर व जासूस अधिकांश पाकिस्तानी सिम का उपयोग करते है। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में नहीं आ रहे है।

कहीं गिरोह सक्रिय तो नहीं?
पश्चिमी सीमा पर बसे गांवों के निवासी तस्करों के कब्जे से हेरोइन व नकली नोट बरामद होने के बाद एक जासूस एटीएस की गिरफ्त में आया है। ऐसे में अंदेशा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में कहीं जासूसी को लेकर गिरोह तो सक्रिय नहीं है। हालांकि खेप पकड़ने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई है।

अब एटीएस के भरोसे:
पुराने तस्करों व राष्ट्रविरोधी तत्वों पर नजर रखने के लिए वर्ष 2009 तक सीआइडी बॉर्डर इंटेलीजेंस की चौकियां थी, लेकिन वर्ष 2010 के आरंभ में राज्य सरकार ने सीमावर्ती जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर व गंगानगर की चौबीस सीमा चौकियों को बंद कर दिया। अब एटीएस के जरिए ही पुराने तस्करों व संदिग्धों पर नजर है। कहने को बॉर्डर के पुलिस थाने भी है, लेकिन पुलिस के माध्यम से लंबे समय से कोई बड़ा इनपुट नहीं मिला है। साथ ही पुलिस का खुफिया तंत्र कमजोर हो गया है।

इन मामलों ने चौंकाया:
– वर्तमान में एटीएस ने कुख्यात तस्कर खड्डू खान के पुत्र मुश्ताक खान को गिरफ्तार किया। मुश्ताक शातिर तरीके से पाक हैण्डलिंग ऑफिसर के इशारे पर गोपनीय सूचनाएं मोबाइल फोन के जरिए वाट्सएप, फेसबुक, मैसेंजर से पाक आइएसआइ को भेज रहा था।

– वर्तमान में बाड़मेर पुलिस ने नकली नोट व होरोइन की बड़ी मात्रा बरामद कर कुख्यात तस्करों को गिरफ्तार किया। कब्जे से तीन करोड़ की 2 किलो 740 ग्राम हेरोइन व 6 लाख 50 हजार नकली नोट बरामद किए।

– दो सप्ताह पहले पाकिस्तानी घुसपैठिए को भारत-पाक बॉर्डर सीमा पार कर भारत में घुसने के दौरान बीएसएफ ने मार गिराया।

– एक साल पहले मुनाबाव के पास एक पाकिस्तानी घुसपैठिया सीमा पार कर भारत में घुस गया। ग्रामीणों की सूचना पर बीएसएफ ने दबोच लिया।

Source: Barmer News

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