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बाड़मेर. कोरोना महामारी का प्रकोप शहरों में लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार भी शहरों में इसके लिए संसाधन जुटाने के साथ स्टाफ भी लगा रही है। लेकिन अब कई गांव-कस्बों में भी कोरोना पॉजिटिव की बढ़ती संख्या से विभाग की चिंता बढ़ी है। इसलिए अब सभी उपखंड व ब्लॉक स्तर की सीएचसी पर अलग से इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (आइएलआइ) ओपीडी की तैयारी की जा रही है। जिससे कोविड मरीज की पहचान आसान हो जाएगी।
शहरों में आइएलआइ के मरीज के अस्पताल जाने पर उसकी जांच कोरोना ओपीडी में की जा रही है। जबकि वर्तमान में गांवों में यह व्यवस्था नहीं है। जबकि कई गांव व कस्बे ऐसे भी है, जहां पर कोविड संक्रमितों की संख्या सैकड़ों में हो चुकी है। ऐसे में यहां संक्रमित के संपर्क में आने वाले अन्य कइयों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए अब गांवों में भी सीएचसी पर आइएलआइ लक्षणों वाले मरीजों के लिए अलग से ओपीडी होगी। जहां पर उनकी जांच की जाएगी।
यह होगा आइएलआइ ओपीडी में
-जांच के लिए प्रशिक्षित मेडिकल ऑफिसर्स
-सैम्पलिंग के लिए पैरामेडिकल स्टाफ
-पल्स ऑक्सीमीटर व थर्मल स्कैनर
सीएचसी पर ऑक्सीजन की भी होगी उपलब्ध
कोविड संदिग्ध को सांस लेने में तकलीफ होने की स्थिति में उसे कोविड केयर सेंटर शिफ्ट करने के दौरान ऑक्सीजन देने के लिए सीएचसी में सिलेंडर उपलब्ध होना जरूरी है। इसलिए जहां पर आइएलआइ की अलग से ओपीडी स्थापित होगी। वहां ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था होगी। वहीं चिह्नित कोविड संक्रमित को जिला अस्पताल पहुंचाने के लिए रैफरल ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी उपलब्ध करवानी होगी।
आदेश में आवश्यक व्यवस्थाओं के निर्देश
चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव की ओर से जारी आदेश में उपखंड व ब्लॉक स्तर के सीएचसी पर आइएलआइ ओपीडी संचालित करने के निर्देश दिए गए है। साथ ही वहां सभी तरह की आवश्यक व्यवस्था करने के लिए भी निर्देशित किया गया है।

Source: Barmer News

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