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बाड़मेर. जिले के हजारों शिक्षकों के घर के आसपास आने की उम्मीद पर कोरोना ने पानी फेर दिया। पूरा साल इस आशा में निकला कि जब भी तबादलों का दौर शुरू होगा, वे अपने घर के आसपास या इच्छित स्थान पर जा सकेंगे। इस आस में वे मई का इंतजार कर रहे थे, लेकिन बीच में ही मार्च में कोरोना आ टपका और तबादलों का दौर शुरू नहीं हो पाया। एेसे में घर के पास पहुंचने का उनका ख्वाब हाल फिलहाल पूरा नहीं हो पाया है।

हालांकि अभी शिक्षक तबादलों की सुगबुगाहट जरूर हो रही है और तबादला चाहने वाले अध्यापक जोड़-बाकी करने लगे हैं, लेकिन यह तय नहीं है कि तबादले होंगे ही जबकि सामान्य स्थिति में अमूमन ग्रीष्मावकाश के दौरान तबादलों का दौर चलता है। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के तबादले अमूमन साल में एक बार ही होते हैं जब गर्मी के छुट्टियां चल रही होती है।

इसके बाद शिक्षा सत्र शुरू होने पर स्थानांतरण पर सरकार रोक लगा देती है। एेसे में अध्यापकों को पूरे साल मई-जून का इंतजार रहता है। इस दौरान घर से दूर-दराज के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक इस जुगत में लगते हैं कि वे अपने घर के पास की स्कू  ल में लग जाए। साल में शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने, विद्यालय क्रमोन्नति, शिक्षकों की क्रमोन्नति, वर्तमान पद से अन्य में चयन आदि होने पर पद रिक्तता होती है।

एेसे में जहां पद रिक्त होते हैं, वह स्कू  ल शहर के आसपास या अपने घर के पास होने पर शिक्षक वहां लगना चाहते हैं। इस कारण तबादलों पर लगी रोक हटने का शिक्षकों को इंतजार रहता है। मार्च में टूट गई आस- पिछले शिक्षा सत्र में मार्च तक स्थिति सामान्य थी और शिक्षक भी दो माह बाद तबादलों का दौर शुरू होने का इंतजार कर रहे थे, इस दौरान मार्च में कोरोना आ गया। इस पर देश में लॉकडाउन लग गया जिस पर तबादलों पर भी रोक लग गई। मार्च से लेकर अब तक कोरोना संकट का छाया चल रहा है, जिसके चलते अभी तक शिक्षकों के तबादलों का दौर शुरू नहीं हुआ है।

अब थोड़ी उम्मीद- हालांकि अभी तक सरकार ने तबादलों को लेकर कोई घोषणा को नहीं की है, लेकिन सितम्बर के आखिरी पखवाड़े में स्कू  ल खुलने की आस है। एेसे में उससे पहले एक बार तबादलों का दौर शुरू होने की उम्मीद शिक्षकों को है। इसके चलते तबादलों की चाह रखने वाले शिक्षक अभी से दौड़ धूप करने लगे हैं।

पूरे साल रहता इंतजार- शिक्षकों को पूरे साल ग्रीष्मावकाश का इंतजार रहता है। प्रदेश सरकार ने एक तरह से यह नियम बना लिया है कि ग्रीष्मावकाश में भी अध्यापकों के तबादले होंगे। एेसे में शिक्षक पूरे साल अपने घर के आसपास आने के लिए मई-जून का इंतजार करते हैं।- नीम्बाराम जांगिड़ भिंयाड़, सेवानिवृत्त शिक्षक

साल में एक बार ही शिक्षकों के तबादले- अमूमन साल में एक बार ही शिक्षकों के तबादले होते हैं। एेसे में पूरे साल इसका इंतजार रहता है। इस बार कोरोना काल के चलते एेसा नहीं हो पाया। सरकार एक बार इस पर लगी रोक हटा शिक्षकों के तबादले करे।- शेरसिंह भूरटिया, शिक्षक नेता

Source: Barmer News

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