बाड़मेर. भविष्य में पेड़ों की छांव मिले इसलिए थारनगरी बाड़मेर के कई परिवार पौधरोपण व संरक्षण में रुचि ले रहे हैं। उनकी स्वप्रेरित रुचि जहां भविष्य में उनको ठण्डी छांव देगी तो आने-जाने वालों को भी सकू न के दो पल नसीब हो सकेंगे। स्थिति यह है कि अब लोग प्रशासन की ओर देखने के बजाय खुद ही पौधरोपण में रुचि दिखा रहे हैं।
शहर के राय कॉलोनी रोड पर पांचबत्ती चौराहा से लेकर तनसिंह सर्किल तक तक हर दूसरे-तीसरे घर के आगे पेड़-पौधे लगे हुए हैं। गर्मियों में जब थार में पारा ४८ डिग्री होता है तब ये पेड़ ग्रामीणों से किसी एयरकंडिशनर से कम नहीं होते। सीमावर्ती जिला बाड़मेर गर्मी के लिहाज से प्रदेश के सबसे अव्वल जिलों में है। यहां मई-जून में लू के थपेड़े और प्रचण्ड गर्मी हर किसी को परेशानी में डाल देती है।
वहीं, दूसरी ओर बाड़मेर का दिनोंदिन हो रहा शहरीकरण शहर से पेड़-पौधों को कम कर रहा है। स्थिति यह है कि शहर के मुख्य बाजार में इक्का-दुक्का पेड़ ही नजर आता है। एेसे में राय कॉलोनी रोड लोगों को पेड़-पौधों के प्रति जागरूकता का संदेश दे रही है। इस रोड पर कभी पेड़ न के बराबर रह गए थे। लोगों ने घर बनाते वक्त कई पेड़ों को काटा, जिसके बाद यहां हरियाळी नजर नहीं आती थी, लेकिन पिछले चार-पांच सालों में लोगों की सोच बदली तो फिर से राय कॉलोनी हरी-भरी हो गई है।शहर के बीचोंबीच पेड़ों की कतार- राय कॉलोनी शहर के कलक्टर आवास व कचहरी परिसर से लगती मुख्य रोड है।
इस रोड पर करीब डेड़ किमी तक हर जगह पेड़ ही पेड़ नजर आने लगे हैं। स्थित यह है कि पांच बत्ती चौराहा से पुराना पावर हाउस के बीच पेड़ों की लाइन लगी हुई है। वहीं, पांच बत्ती चौराहा से विश्वकर्मा सर्किल तक भी कई जगह पेड़ लगे हुए हैं। वहीं, हाल ही में भी कई घरों के आगे पौधरोपण किया हुआ है। मिले सकू न की छांव- पौधरोपण के पीछे लोगों की मंशा यही है कि बढ़ती गर्मी में वे जब घर की देहलीज पर बैठे तो दो पल सकू न के गुजार सकें। एक परिवार के घर के आगे पेड़ देख दूसरे ने लगाए और यों करते-करते पेड़-पौधों की कतार लग गई। स्वंयसेवी संस्थाएं भी लगी हरियाळी बढ़ाने में- आमजन में जागरूकता तो आई ही है, कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी आगे आ रही है। कोई एक पौधा, एक घर तो को हरयाळो बाड़मेर अभियान चला लोगों को पौधरोपण की महत्ता बता रहे हैं। एेसे में लोग पौधरोपण के साथ संरक्षण में भी आगे आ रहे हैं।
लोगों में आई जागरूकता – राय कॉलोनी रोड पर कभी पेड़ नजर नहीं आते थे, लेकिन पिछले चार-पांच साल में लगभग हर घर के आगे पौधरोपण हुआ है। यहीं कारण है कि अब पेड़ नजर आने लगे है। लोगों की सोच बदलने से पर्यावरण को लेकर यह जागरूकता आई है।- डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी, निवासी पांच बत्ती चौराहा बाड़मेर को हरा-भरा बनाने का लक्ष्य- बाड़मेर शहर को हरा-भरा बनाने का लक्ष्य है। एेसे में एक पौधा एक घर अभियान चलाया जा रहा है। शहर में फिर से हरियाळी छाएगी, एेसी उम्मीद है। लोगों में भी जागरूकता आई है। अब घर के आगे पौधा लगा उसकी देखभाल करने की सोच विकसित हो रही है।- मुकेश अमन, सामाजिक कार्यकर्ता
Source: Barmer News