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बाड़मेर. कोरोना पॉजिटिव को भर्ती करने से पहले शुगर लेवल की जांच जरूरी है। जिससे यह पता चल सके कि कोविड संक्रमित कहीं मधुमेह रोगी तो नहीं है। ऐसा होना पर उसकी अलग से देखभाल और दवा आदि की व्यवस्था के साथ डाइट चार्ज भी बनाया जा सके। कोविड से संक्रमित मधुमेह रोगियों की विशेष देखभाल को लेकर गाइडलाइन जारी की है। जिससे मधुमेह के रोगी को कोरोना के जानलेवा हमले से बचाया जा सके।
मधुमेह रोगियों के लिए कोरोना का संक्रमण घातक साबित हो सकता है। कई मामलों में ऐसा सामने आने के बाद चिकित्सा विभाग ऐसे रोगियों के जीवन को बचाने के लिए एक निर्धारित गाइड लाइन को फॉलो करने के निर्देश जारी किए है। जिसमें मधुमेह रोगियों के क्लिनिकल प्रबंधन करना है। जिससे कोरोना के जानलेवा प्रहार से शुगर के मरीज की जिंदगी को बचा सकें।
कोविड पॉजिटिव तो शुगर जांच आवश्यक
कोरोना संक्रमित को कोविड केयर सेंटर व अस्पताल में भर्ती करने से पहले उसकी मधुमेह की जांच करवानी होगी। जिससे यह पता चल जाएगा कि मरीज शुगर का मरीज तो नहीं है। पहले से ही मधुमेह रोगी है तो उसकी विशेष देखभाल होगी। साथ ही उसके लिए हैल्दी डाइट की सलाह दी गई है, जो संबंधित को फॉलो करनी होगी।
मधुमेह की दवा को लेकर अधिक सावधानी की हिदायत
गाइडलाइन में मधुमेह के रोगी को वजन अनुसार दवा की खुराक देनी होगी। रोगी की ग्लूकोमीटर से जांच होगी तथा फीजिशियन का सलाह के बाद उसे कितनी खुराक देनी है, यह तय होगा। दवा की खुराक देने को लेकर अधिक सतर्कता की हिदायत दी गई है। जिससे मरीज जल्द स्वस्थ हो सके।
नए व पुराने रोगियों का रखना होगा विशेष ख्याल
कोरोना पॉजिटिव के मधुमेह रोगी होने पर उसके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। सतत रूप से उसके ग्लूकोज लेवल की मॉनिटरिंग करनी होगी। जरूरत होने पर फीजिशियन से कंसल्ट के बाद सलाह अनुसार उसे इंसुलिन भी दिया जाएगा। खासकर शुगर रोगी के खाने पर विशेष फोकस रखना होगा। इसमें पुराने रोगियों के साथ संक्रमित मरीज जांच में मधुमेह का शिकार मिलता है तो दोनों स्थितियों में ऐसे मरीजों का विशेष ध्यान रखना होगा।

Source: Barmer News

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