जोधपुर.
जयपुर में जोधपुर के व्यापारी के हत्यारों का अभी तक सुराग नहीं लग सका है। व्यापारी कुछ मध्यस्थों की मदद से जोधपुर व भीलवाड़ा के नौ युवकों की नौकरी लगाने के प्रयास में था। जो सात सितम्बर को करौली पहुंचे थे, लेकिन व्यापारी के न मिलने पर लौट गए थे। व्यापारी के मोबाइल की अंतिम लोकेशन व शव मिलने वाले स्थान के बीच बीस किमी का फासला सामने आया है। पुलिस को अंदेशा है कि हत्या के बाद शव को मुहाना में रिंग रोड के पास सुनसान जगह फेंका गया है।
पुलिस व परिजन ने बताया कि जोधपुर में नई सड़क पर हनुमान भाखरी के पास निवासी व्यापारी आनंद अरोड़ा गत ४ सितम्बर की सुबह चालक भतीजे अनिल अरोड़ा के साथ जयपुर गए थे। दोपहर २.३० बजे वे जयपुर पहुंच गए थे और होटल विक्ट्री पैलेस में रूके थे। आनंद अरोड़ा कुछ युवकों की सरकारी नौकरी लगाने के लिए जयपुर गए थे। इस बारे में जिनसे बात चल रही थी उनका रात आठ बजे आनंद के पास कॉल आया था। उन्हें अजमेर-दिल्ली हाइवे पर साल्वे अस्पताल के पास बुलाया था, जहां पहुंचने पर जयपुर नम्बर की कार में चार व्यक्ति मिले। चालक भतीजे अनिल ने आनंद के दो बैग, एक एलइडी व एक मिठाई का डिब्बा जयपुर नम्बर की कार में रख दिए थे। फिर मोबाइल दो दिन तक बंद रहने का बताकर वो उनके साथ सवार होकर निकल गए थे।
भतीजे अनिल अरोड़ा की तरफ से हत्या का मामला दर्ज कर मुहाना थाना पुलिस ने मृतक के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई। अंतिम लोकेशन मुहाना मण्डी से बीस किमी दूर नेवन्या के पास आई। पुलिस ने मौका मुआयना किया और एफएसएल से जांच कराई। पुलिस को अंदेशा है कि इसके आस-पास आनंद की हत्या कर शव रिंग रोड के पास फेंका गया होगा।
सात सितम्बर को करौली में मिलना था
संदिग्धों के साथ रवाना होने से पूर्व आनंद ने भतीजे से कहा था कि हैदराबाद से अंकिल अरोड़ा जयपुर आएगा। जिसे लेकर ७ सितम्बर को करौली पहुंचना था, लेकिन अंकिल ने भतीजे को फोन कर अवगत कराया कि वो सीधे करौली पहुंचेगा। जोधपुर-भीलवाड़ा से नौ युवक सात सितम्बर को जयपुर आए थे। संभवत: इनकी नौकरी लगाई जानी थी। वो सब खुद के वाहनों में थे। फिर वो करौली पहुंचे, लेकिन आनंद का मोबाइल बंद मिला। इंतजार के बाद वो सभी लौट गए थे। अनिल भी जयपुर लौट आया था। इस बीच, मुहाना क्षेत्र में रिंग रोड के पास आनंद का खून से लथपथ शव मिलने का पता लगा था।
अंतिम दर्शन कराने चंद क्षण के लिए शव घर लाए
पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा शव परिजन को सौंपा। जिसे लेकर पुत्र व अन्य परिजन बुधवार देर शाम जोधपुर आए। घर पहुंचते ही सभी के आंसू निकल गए। वे जोर-जोर से रोने लगे। चूंकि हत्या को पांच दिन बीत चुके थे। एेसे में शव को सिर्फ चंद क्षणों के लिए घर लाया गया। घरवालों के अंतिम दर्शन करते ही शव यात्रा शुरू हो गई। रात होने के बावजूद कागा श्मशानस्थल में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया।
व्यापारियों में रोष, बाजार बंद, कलक्टर को ज्ञापन
हत्या को लेकर महात्मा गांधी अस्पताल रोड पर सर प्रताप स्कूल के बाहर के दुकानदारों में रोष व्याप्त हो गया। मल्टी परपज बिजनेस संस्था के व्यापारियों ने दिनभर प्रतिष्ठान बंद रखे। आनंद की अरोड़ा ज्यूस नामक दुकान के बाहर व्यापारी धरने पर बैठ गए। वे वारदात के प्रति रोष व्यक्त कर हत्यारों को तुरंत गिरफ्तारी की मांग करने लगे। सरदारपुरा थाना पुलिस ने कोविड-१९ की गाइड लाइन के तहत धरने को गलत बताया। तब धरना हटाया गया। शहर की विभिन्न व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मण्डल ने जिला कलक्टर को अलग-अलग ज्ञापन सौंपकर हत्यारों को जल्द पकडऩे की मांग की।
Source: Jodhpur