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जोधपुर.
पीथावास बाइपास तिराहा पुलिया के पास मोटरसाइकिल पर अफीम के दो किलो दूध के साथ डांगियावास थाना पुलिस की गिरफ्त में आने वाला युवक लॉक डाउन की वजह उपजी आर्थिक तंगी से पीडि़त है। चालक की नौकरी न रहने के बाद काम की तलाश में वह अफीम का कूरियर बन गया था। आरोपी से पूछताछ में यह सामने आया।

पुलिस के अनुसार पीथावास बाइपास तिराहा पुलिया के पास सोमवार मध्यरात्रि बाइक सवार भीलवाड़ा जिले में बिगोद थानान्तर्गत दांतड़ा छोटा निवासी गोपालाल (२७) पुत्र लादू जाट को अफीम के दो किलो दूध के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसका साथी रामस्वरूप गूर्जर फरार हो गया था। कोर्ट से तीन दिन का रिमाण्ड मिलने के बाद मथानिया थानाधिकारी डॉ गौतम डोटासरा उससे पूछताछ कर रहे हैं।
अब तक की पूछताछ में सामने आया कि गोपालाल डम्पर पर चालक था। लॉक डाउन की वजह से उसकी नौकरी छूट गई थी। उसके पास कोई काम-धंधा नहीं था। डम्पर पर बतौर चालक के दौरान मध्यप्रदेश के नीमच निवासी गोविंदसिंह से जान-पहचान हुई थी। अनलॉक में नौकरी छूटने के बाद आर्थिक तंगी हो गई थी। कुछ दिन पहले उसने गोविंदसिंह से सम्पर्क कर काम दिलाने का आग्रह किया था। तब गोविंदसिंह ने अफीम के दो किलो दूध की सप्लाई जोधपुर में डांवरा के रामस्वरूप बिश्नोई तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा। बदले में उसे ११ हजार रुपए देना तय किया गया था। गोपालाल तैयार हो गया और गांव के रामस्वरूप गूर्जर को साथ ले लिया था। आधी राशि उसे देनी थी। दोनों बाइक पर जोधपुर में डांवरा के लिए रवाना हुए थे, लेकिन सप्लाई से पहले ही पीथावास के पास पकड़ में आ गया।

जांच अधिकारी डॉ गौतम डोटासरा का कहना है कि गोपालाल से पूछताछ की जा रही है। डम्पर चालक की नौकरी नहीं रही तो वह ११ हजार रुपए के बदले अफीम का दूध लेकर आया था।

Source: Jodhpur

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