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जोधपुर.

बनाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल में परिचित से मिलने के दौरान शनिवार शाम एक बालिका परिजन से बिछड़ गई। एक राहगीर ने रोते-बिलख रही बालिका को पुलिस तक पहुंचाया और फिर पब्लिक एड्रेस सिस्टम व व्हॉट्सएेप ग्रुप की मदद से एक घंटे में परिजन तक सुरक्षित पहुंचाया।

थानाधिकारी अशोक आंजणा ने बताया कि मूलत: मेड़ता रोड हाल बनाड़ रोड निवासी दशरथसिंह पत्नी किरण के साथ परिचित से मिलने के लिए शाम छह बजे बनाड़ रोड स्थित निजी अस्पताल आए। सात वर्षीय पुत्री संध्या भी साथ थी। परिचित से मिलने के दौरान बालिका अस्पताल से बाहर निकल गई। आइसक्रीम के ठेले व दुकानों पर खाने की वस्तुएं देखते-देखते वह पैदल नांदड़ी फांटा तक जा पहुंची। माता-पिता को न पाकर वह रोने लगी।
नांदड़ी टेंट व्यवसायी महेन्द्रसिंह पुत्र संग्रामसिंह ने बालिका को रोते देखा तो चौंक गए। उन्होंने बालिका को संभाला और माता-पिता व घर का पता पूछा, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे पाई। तब व्यवसायी बालिका को लेकर बनाड़ थाने पहुंचे, जहां पुलिस के सुपुर्द किया।

एएसआइ दुर्गाराम, हेड कांस्टेबल मोहनलाल, कांस्टेबल हनुमानसिंह बेनीवाल व लक्ष्मी ने आस-पास के क्षेत्र में परिजन की तलाश शुरू की। पुलिस वाहन पर लगे पब्लिक एड्रेस सिस्टम और व्हॉट्सएेप ग्रुप में फोटो वायरल किए गए। करीब एक घंटे बाद पुलिस ने परिजन को ढूंढ निकाला। मासूम पुत्री को पुलिस के पास देख मां किरण सुध-बुध खो बैठी और आंसू निकल गए। वह अद्र्धमूर्छित हो गईं। पति व महिला सिपाहियों ने उसे संभाला। तब पुत्री को सकुशल पाकर खुशी के आंसू बहने लगे। पुलिस ने बालिका को उन्हें सुपुर्द किया।

Source: Jodhpur

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