बाड़मेर. एक तरफ जहां शहरों में कोरोना का खतरा अभी भी मंडरा रहा है तो दूसरी ओर थार के गांवों में लोग कोरोना को भूल मेहनत की कमाई सहेजने में जुटे हुए हैं। पिछले दो-तीन साल से कहीं अकाल तो कहीं सुकाल की स्थिति के बाद इस साल पूरे जिले में सुकाल की स्थिति है। एेसे में बॉर्डर से लेकर सुदूर ढाणियों व गांवों में हर जगह किसान फसल ले रहे हैं।
कटाई के साथ फसलों को खलिहानों ( लाटों) में रखा जा रहा है। आगामी एक माह में थार के धरतीपुत्रों की चार माह की मेहनत का दाम मिलना शुरू हो जाएगा। करीब आठ अरब की कमाई खरीफ की फसलों से किसानों को होने की उम्मीद है। बाड़मेर जिले में एक साल सुकाल और तीन-चार अकाल की स्थिति रहती है। इस बार कोरोना के साये के बीच किसानों ने खेतों की ओर रुख किया तो परदेस से घर आने वाले कमाऊपूत भी खेतीबाड़ी में जुट गए, जिसके चलते जिले में ख्ररीफ की बुवाई लक्ष्य तक पहुंच गई।
जिले में १४ लाख ०८ हजार हैक्टेयर में बुवाई हुई। इसमें बाजरा की बुवाई सर्वाधिक ८ लाख २५ हजार हैक्टेयर में हुई। वहीं ग्वार भी २१०००० हैक्टेयर में हुआ तो मूंग-मोठ की बुवाई भी भरपूर हुई। भाग्य का बारिश व मौसम ने दिया साथ- जिले के किसानों व दिहाड़ी मजदूरों का कोरोना के चलते रोजगार छीन गया। एेसा लग रहा था कि किस्मत उनके रूठी हुई है, लेकिन तभी खरीफ की बुवाई का दौर आ गया। ठाले बैठे किसान व श्रमिकों ने खेतों की ओर रुख किया और देखते ही देखते गांव-गांव में खेतों में हळ चलने लगे। इसी के चलते १४ लाख ०८ हजार हैक्टेयर में बुवाई हो गई तो भाग्य ने भी साथ दिया।
इस दौरान पर्याप्त बारिश हुई तो मौसम भी अनुकू ल रहा। इसके चलते अब बम्पर बुवाई के बाद भरपूर कमाई की किसान तैयारी कर रहे हैं।
इस बार अच्छा जमाना- इस बार अच्छा जमाना है। लम्बे समय बाद बॉर्डर सहित पूरे जिले में भरपूर बारिश होने से बढि़या फसलें हुई है। अब किसान फसलें एकत्रित कर रहे हैं।- कानसिंह राजपुरोहित, बीसूखुर्द
लक्ष्य के अनुरूप बुवाई, बढि़या कमाई की उम्मीद- लक्ष्य के अनुरूप जिले में खरीफ की बुवाई हुई। मौसम साफ रहा तो बारिश भी पर्याप्त हुई जिसके चलते इस बार बढि़या कमाई की उम्मीद लग रही है। अब बाजरा, मूंग, मोठ, तिल आदि की फसलें किसान लेने में जुट गए हैं। अनुमानित ०८ अरब की कमाई होगी।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी
Source: Barmer News