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जोधपुर. शरद पूर्णिमा महोत्सव जोधपुर में ३१ अक्टूबर को घरों में मनाया जाएगा। द्वितीय आश्विन शुक्ल पक्ष शरद पूर्णिमा को सोलह कलाओं से परिपूर्ण चन्द्रमा की आयुष्मान किरणों का सेवन करने के लिए घरों की छतों पर गाय के दूध से बनी खीर व ऋतुफलों को रखने के बाद उनका सेवन किया जाएगा। इस बार कोविड-१९ के कारण ठाकुरजी के मंदिरों में भक्ति संध्या व खीर महोत्सव के आयोजन नहीं होंगे। कोरोना महामारी के कारण मंदिरों में भक्तों का प्रवेश भी निषेध रहेगा। भगवान विष्णु की आराधना के लिए विशेष माने जाने वाले कार्तिक मास की शुरुआत भी होगी। मंदिरों में ठाकुरजी का शरद शृंगार होगा।

स्वास्थ्य के साथ खरीदारी के लिए भी श्रेष्ठ रहेगी पूर्णिमा
पं. ओमदत्त शंकर ने बताया कि शरद पूर्णिमा तिथि ३० अक्टूबर को शाम ५.४५ बजे से शुरू होकर ३१ अक्टूबर को रात्रि ८.१८ बजे तक रहेगी। इस बार आश्विन शुक्ल चतुर्दशी को पूर्णिमा तिथि निशीथ व्यापिनी है तथा अगले दिन प्रदोष व्यापिनी है । यदि पूर्णिमा तिथि पहले दिन निशीथ व्यापिनी एवं दूसरे दिन प्रदोष व्यापिनी हो तो शरद पूर्णिमा/ कोजागर व्रत दूसरे दिन ही होगा। क्योंकि इस व्रत में किए जाने वाले लक्ष्मी पूजन का काल प्रदोषकाल ही लिखा है। अत: शरदपूर्णिमा / कोजागर व्रत 31 अक्टूबर को धर्मशास्त्र सम्मत है । इस दिन पूर्णिमा चन्द्रोदय व्यापिनी भी है । शरद पूर्णिमा को चंद्रमा की शीतल चांदनी में चावल और गाय के दूध से निर्मित खीर रात में और सुबह सेवन से श्वांस व दमा के रोगियों के लिए फायदेमंद रहती है। इस दिन गुरु धनु में, शनि मकर में स्वयं राशि पर रहेंगे। सूर्य तुला राशि में, शुक्र कन्या राशि में नीच राशि पर रहेंगे। इस दिन सिद्धियोग होने से भूमि, भवन, वाहन और आभूषण की खरीदारी की जा सकती है।

Source: Jodhpur

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