पुन्दलू (जोधपुर) क्षेत्र में इन दिनों दीपावली के त्योहार के मद्देनजर कुंभकारों के परिवारों में उत्साह है। उन्हें उम्मीद है कि इस बार मिट्टी के दीपकों की विशेष मांग रहेगी। इसी के चलते उनके चाक की रफ्तार दिन-रात तेज हो रही है।
कुंभकार उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार स्वदेशी दीपक ही जलाए जाएंगे। इसे लेकर कुंभकार मिट्टी के दीपक बनाने में व्यस्त नजर आ रहे हैं।
पुन्दलू व बोरूंदा क्षेत्र में दीपक बनाने वाले कुंभकारों ने पिछले कई वर्ष से बन्द पड़े चाक व उपकरण की सार संभाल की है। लॉक डाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर लोगों ने घरों की छतों दीपक जलाए थे। इस बार लोगद स्वदेशी अपनाओ अभियान से प्रेरित हुए हैं। जिसके चलते चीनी इलेक्ट्रिक लडिय़ां बाजार में नहीं मिल रही।
इसे देखते हुए कुंभकारों को गत वर्षों की अपेक्षा चार गुणा तक बिक्री बढऩे की उम्मीद है। जिससे दीपक बनाने वाले परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। इस बार दीपक के मूल्य तीन से पांच रुपए तक रहने की उम्मीद है। कोरोना के चलते इस बार गुजराती दीपक भी गायब है। इससे इस बार स्थानीय दीयों की मांग अधिक रहेगी।
Source: Jodhpur