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दिलीप दवे बाड़मेर. तीन अरब का बाजरा पैदा हुआ तो किसान खुश थे कि उनकी झोली खुशियों से भर जाएगी, क्योंकि समर्थन मूल्य पर खरीद होगी तो चोखे दाम तो मिलेंगे, लेकिन एेसा नहीं हो रहा है। बाड़मेर में बाजरा की समर्थन मूल्य पर खरीद ही नहीं हो रही जबकि मोठ का तो समर्थन मूल्य ही नहीं। मूंग की फसल तैयार हो चुकी है लेकिन अब तक समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं हो रही जबकि मूंगफली की खरीद को लेकर पहले तो मना किया गया लेकिन अब वापस खरीद की स्वीकृति मिली है।

एेसे में किसान अरबों की कमाई खुले बाजार में कम दाम पर बेचने को मजबूर है। सीमावर्ती जिले बाड़मेर में इस बार बढि़या बारिश के चलते चहुंओर सुकाल है। करीब आठ अरब की फसल थार में तैयार होने के बाद यह लग रहा है कि थार के किसानों के हर घर में इस बार धान की कमाई खुशियां लेकर आएगी। किसान भी अब पकी फसलों को सहेज कर बाजार की ओर रुख कर रहे हैं, लेकिन यहां उनको निराश हाथ लग रही है। क्योंकि सरकारी स्तर पर समर्थन मूल्य पर खरीद जो नहीं हो रही है।

किसान बाजार में औने-पौने दामों में फसल बेच रहे हैं। तीन अरब का बाजरा सीधे बाजार में- जिले में ८ लाख २५ हजार हैक्टेयर में बाजरा की फसल हुई है।

करीब तीन अरब का बाजरा बाड़मेर में पैदा हुआ है। इसमें से दो तिहाई बाजरा किसान बेचेंगे। इस हिसाब से करीब दो अरब का बाजरा बाड़मेर में बिकने वाला है, लेकिन समर्थन मूल्य होने के बावजूद बाड़मेर में बाजरा की खरीद नहीं होती। इस पर यह बाजरा सीधे बाजार में बिकने आएगा। यहां किसानों को सही दाम नहीं मिलेंगे और मजबूरन उन्हें औने-पौने दामों में बेचना होगा।

मोठ के नहीं सरकारी दाम- जिले में करीब 1 लाख74 हजार हैक्टेयर में मोठ की पैदावार हुई है। इससे किसानों को करीब डेढ़ अरब रुपए की आवक होनी है, लेकिन समर्थन मूल्य नहीं मिलने पर इसको बाजार में बेचना होगा। बाजार में व्यापारियों, बिचौलियों की मनमर्जी से दाम तय होंगे। एेसे में किसानों को पूरे दाम नहीं मिल पाएंगे। मूंग की खरीद 1 नवम्बर से- थार में इस बार करीब 56775 हैक्टेयर में मूंग की पैदावार हुई है। इससे किसानों को करीब पचास करोड़ की आय होने की उम्मीद है। इसकी खरीद 1 नवम्बर से आरम्भ होगी। वहीं 3110 हैक्टेयर में मूंगफली की फसल भी पक चुकी है, जिसकी पहले तो खरीद को लेकर मनाई हुई थी लेकिन अब स्वीकृति मिली है।

ग्वार व तिल से भी अरबों की कमाई- इन फसलों के अलावा ग्वार भी बाड़मेर में बहुतायत में होता है। इस बार 236620 हैक्टेयर में ग्वार की करीब एक अरब साठ करोड़ की फसल होने की उम्मीद है। वहीं तिल भी करीब छह हजार हैक्टेयर में हुआ है जिनका भी पूरा दाम खुले बाजार में बिकने पर किसानों को मिलने की उम्मीद कम है।

जरूरी है समर्थन मूल्य पर खरीद- बाजरा सहित जो फसलें बहुतायत में होती है उनकी खरीद समर्थन मूल्य पर जरूर होनी चाहिए जिससे कि किसानों को पूरा दाम मिल सके।- मूलाराम चौधरी, किसान भिंयाड़

बाजरा की नहीं होती समर्थन मूल्य पर खरीद- समर्थन मूल्य पर बाजरा की बाड़मेर में खरीद नहीं होती। समर्थन मूल्य पर खरीद होने से किसानों को उचित दाम मिल सकते हैं।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी बाजरा नहीं शामिल, मूंग की होगी खरीद– बाजरा की बाड़मेर के साथ पूरे प्रदेश में समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होती। मूंग की खरीद का कार्य १नवम्बर से शुरू होगा। मूंगफली की भी समर्थन मूल्य पर खरीद होगी।-वासुदेव पालीवाल, मैनेजर मार्केटिंग सोसायटी बालोतरा

Source: Barmer News

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