गडरारोड (बाड़मेर). देश की सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण गडरारोड़ के 132 केवी जीएसएस को लेकर डिस्कॉम की लापरवाही बीएसएफ के बजट को तो चूना लगा रही है और किसानों का दिल जला रही है।
डिस्कॉम ने इस जीएसएस से 1000 कृषि और 11000 घरेलू कनेक्शन के साथ 33 केवी के 15 जीएसएस जोड़ दिए है जिससे लोड बढऩे से विद्युत कटौती 12 से 14 घंटे तक हो जाती है। बार-बार शटडाऊन व विद्युत कटौती की वजह से बीएसएफ को सीमा की फ्लड लाइट्स को रातभर शुरू रखने के लिए डीजल जलाना पड़ रहा है।
जिस दिन रातभर लाइट नहीं होती उस दिन करीब 50 लाख का डीजल बीसएफ फूंक रही है। इधर 1000 कृषि कनेक्शन ले चुके किसानों को भी बिजली नसीब नहीं हो रही है। रबी की फसल नजदीक है और किसानों का दिल जल रहा है।
समाधान के 132 के वी गडरारोड ग्रिड स्टेशन की क्षमता बढ़ाने और झिनझनियाली में नया 132 के वी का ग्रिड स्टेशन बनाने के प्रस्ताव भेज गए है लेकिन डिस्कॉम व राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम के बीच तालमेल नहीं होने से मामला लंबित है।
दीन के घर बल्ब आया पर किस काम का
क्षेत्र में 11000 लोगों को दीन दयाल विद्युतिकरण योजना से जोड़ा गया और इनके घर पर एक-एक बल्ब मुहैया हो गया है लेकिन आलम यह है कि रात में आठ बजे से सुबह आठ बजे तक अकसर विद्युत कटौती होती है या फिर रोशनी इतनी मद्धम की चिमनी से भी कमजोर, एेसे में विद्युतिकरण होने के बावजूद ये लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे है।
लोग परेशान है
सम्पूर्ण सीमावर्ती क्षेत्र के किसान परेशान हैं। समय रहते माकूल व्यवस्था नहीं कि तो आगामी रबी की सीजन में किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। झिनझिनयाली में 132 केवी जीएसएस प्रस्तावित हैं, लेकिन वह भी जिम्मेदारों की लापरवाही से अभी पूर्ण होते नहीं दिख रहा।
– हाथीसिंह राठौड़, गिराब
समस्या का समाधान होगा
क्षमता बढ़ाने की फाइल भेज दी गई है। इस पर कार्यवाही हो रही है। उम्मीद है शीघ्र ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा। –
– प्रेमजीत धोबी, प्रबंध निदेशक, जोधपुर डिस्कॉम
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Source: Barmer News