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बाड़मेर. पहले बच्चों को दिवाली की छुट्टियों का इंतजार रहता था, लेकिन इस सत्र में छुट्टियों का नहीं स्कू  ल खुलने का इंतजार है। करीब सात माह से चल रहे अवकाश को लेकर स्थिति है कि लगभग होली के आसपास शुरू हुआ अवकाश दीपावली तक चला है और अभी तक भी यह नहीं पता कि आखिर स्कू  ल कब खुलेंगे। स्कू  ल हो या फिर कॉलेज, हर जगह विद्यार्थियों को पूरे साल पढ़ाई के बीच में आने वाले अवकाश का इंतजार रहता था।

परीक्ष खत्म होते ही ग्रीष्मावकाश, होली पर छुट्टियां तो दीपावली पर पन्द्रह दिन की मौजमस्ती ये सब पढ़ाई के बीच में चलते थे। इतना ही नहीं बीच-बीच में नवरात्र, दशहरा व अन्य त्योहार का अवकाश आता तो उनके लिए अलग ही खुशी होती थी। इस बार एेसा नहीं हो रहा है क्योंकि कोरोना के चलते स्कू  ल, कॉलेज बंद है। एेसे में लम्बी छुट्टियों के बीच न तो दीपावली की छुट्टियों का आनंद मिल रहा है और ना ही नवरात्र के अवकाश का मजा। स्थिति यह है कि २२ मार्च के बाद से स्कू  ल, कॉलेज का बच्चों ने मुंह तक नहीं देखा।

एेसे में अब उनके लिए अवकाश से ज्यादा स्कू  ल कब खुलेंगे इसको लेकर उत्साह है। गौरतलब है कि मार्च के प्रथम पखवाड़े में ८ मार्च को होली थी। अभी होली का अवकाश खत्म ही नहीं हुआ था कि कोरोना की सुगबुगाहट हो गई और २२ मार्च से लॉकडाउन लग या।

स्कू  ल खुले तो दोस्तों से हो मुलाकात- स्कू  ल नहीं खुलने पर अब बच्चे विशेषकर पांचवीं से बारहवीं तक के बच्चे अपने कई दोस्तों से सात माह में नहीं मिल पाए हैं। उनको इसका बेसब्री से इंतजार है कि स्कू  ल खुलेंगे तो वे दोस्तों से मिलेंगे।

कैसे सुनाएं कोरोनाकाल की कहानी- जिन बच्चों की अपने खास दोस्तों से कई माह से मुलाकात नहीं हुई है, वे उनको कोरोनाकाल की कहानी कैसे सुनाएं यह बेसब्री है। लॉकडाउन के दौरान वे घरों में कैसे कैद रहे, वक्त कैसे बिताया, अनलॉकडाउन के बाद उन्होंने क्या किया आदि कई ढेर सारी बातें हैं जो दोस्तों के साथ बांटनी है, लेकिन स्कू  ल ही नहीं खुल रहे।

अभिभावक भी चिंतित- पहले तो अभिभावक सोच रहे थे कि दो-ढाई माह बाद स्कू  ल खुल जाएंगे, लेकिन अब जैसे वक्त बीत रहा है वैसे उनकी चिंता बढ़ रही है। उनकी चिंता इस बात को लेकर है कि बच्चों की घर में पढ़ाई हो नहीं रही। ऑनलाइन पढ़ाई पल्ले नहीं पड़ रही। एेसे में स्कू  ल नहीं खुले तो पूरे सत्र की छूटी पढ़ाई में बच्चे कहीं शिक्षा में पिछड़ नहीं जाए।

हर बैठे-बैठे हो चुके बोर– हम तो घर बैठे-बैठे बोर हो चुके हैं। स्कू  ल खुले तो यार-दोस्तों से मिले। अब तो स्कू  ल खुलने का इंतजार है।- नरेन्द्र, विद्यार्थी।

पता नहीं कब खुलेंगे स्कू  ल- सात माह से स्कू  ल बंद है और बच्चों की पढ़ाई छूट गई है। होली से शुरू हुई छुट्टियों दिवाली तक चल ही रही है। एेसा पहले कभी नहीं हुआ। अब स्कू  ल कब खुलेंगे यह बात हर वक्त जेहन में रहती है।- रेखा शर्मा, अभिभावक

Source: Barmer News

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