बाड़मेर पत्रिका.
पाकिस्तान में दो दुल्हनों को भारत लौटने का इंतजार करीब दो साल से है और उनकी पैरवी करने के लिए सरकार की मदद की दरकार है। मामला सामने आने के ाद पाक विस्थापित संगठनों की ओर से इस बात की पुरजोर पैरवी की जा रही है कि कोरोनाकाल या अन्य वजह से मानवीय संवेदना से जुड़े ऐसे मामले जिसमें परिजनों को अपनों के आने का इंतजार है राज्य व केन्द्र सकार तुरंत मदद करें। इन परिवारों के सदस्यों को पाकिस्तान से लाने के लिए अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर वार्ता कर समाधान करवाया जाए।
जोधपुर में ऐसा हुआ है
कोरोनाकाल में जोधपुर में ऐसा मामला सामने आया। इसके लिए पैरवी की गई और न्यायालय में भी गृह मंत्रालय की ओर से जवाब दिया गया। दुल्हन को जोधपुर लाया गया। यह मामला संवेदनशीलता से जुड़ा हुआ है। इसकी पुरजोर पैरवी की जाएगी। कोरोनाकाल में जो भी परिजन पाकिस्तान में रह गए है उनको लाने की व्यवस्था राज्य व केन्द सरकार के स्तर पर होनी चाहिए। अब तो बहुत बड़ा वक्त हो गया है। इतना इंतजार कैसे होगा? गरीब परिवारों की पैरवी उनके घर तक पहुुचकर करने की जिम्मेदारी तय हों।
हिन्दूसिंह सोढ़ा, अध्यक्ष सीमांत लोक संगठन
थार एक्सप्रेस दो साल पहले ही बंद कर दी गई। यह आवागमन का सुगम साधन था। बाड़मेर,जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर के परिवार आसानी से आते जाते रहे है। पुलावामा के बाद में वीजा को लेकर भी लगातार परेशानी आ रही है। इन दोनों बहिनों का मामला मानवीय संवेदना से जुड़ा है। तत्काल इसमें बड़े स्तर पर पैरवी की दरकार है। पाक विस्थापित परिवारों के लिए कोरोनाकाल संकट लेकर आया है। विस्थापितों की मदद की जानी चाहिए।
बाबूसिंह चारण, अध्यक्ष ढाटपारकर सोसायटी
राज्य व केन्द्र सरकार एक सूची तैयार करें कि पाकिस्तान में कितने परिवारों के सदस्य अटके हुए है। जिला कलक्टर के माध्यम से यह सूची आ जाए। इसके बाद इनके दस्तावेज लेकर एक साथ ही पाकिस्तान से इनको भारत लाने का नेककार्य किया जाए। जैसलमेर और बाड़मेर में तीन दुल्हनों का मामला पत्रिका ने सामने लाया है। इसके अलावा भी मामला हों तो तुरंत ही परिजन इसको लेकर पत्रिका और सामाजिक संगठनों से संपर्क करें और दुल्हनों को घर लाने की प्रक्रिया तेज की जाए।
तेजदान चारण खारोड़ा, प्रवक्ता सीमांत लोक संगठन
वीजा दिलवाया जाए
पिछले दो साल में पांच बार वीजा निरस्त हुआ है। पैरवी करें तो अब कहां करें? इसके लिए अब मदद की दरकार है। मेरे जैसे जितने भी परिवार है उनके लिए सरकार को खुद आगे आकर कार्य करवाना चाहिए। इस तरह आम आदमी कहां परेशान रहेगा। यह अंतरर्राष्ट्रीय स्तर का मामला है। जो मददगार साबित हो सकते है वे हम दोनों भाइयों के सहित तमाम ऐसे परिवारों के लिए मुहिम चलाएं।
विक्रमसिंह बहिया
Source: Barmer News