जोधपुर. कोरोना वायरस के चलते एक तरफ शेयर बाजार को तगड़ा झटका लगा है तो वहीं इस संकट के समय में भी सोने की चमक बरकरार है। सोने के भावों ने पिछले ५० सालों के रिकॉर्ड एक दशक में ही तोड़ दिया है। वर्ष २०१० से २०२० तक सोना तीन गुणा पहुंच गया है। नवरात्रि से सर्राफा बाजार में शुरू हुई रौनक तेजी पकड़ चुकी है। सर्राफा व्यवसायियों को धनतेरस से दीपावली तक सोने में बम्पर खरीदारी की उम्मीद है।
सोना पिछले 100 वर्षोंं से भारतीय बाजार में 2 हजार गुणा से अधिक बढ़ा है। भारत विश्व में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत के लोग सोने का सबसे ज्यादा उपयोग गहनों और निवेश के रूप में करते हैं। विशेष रूप से भारतीय महिलाओं के लिए सोना बहुत महत्व रखता है, यहां शादी के कुल बजट का करीब 50 प्रतिशत बजट सोने के गहनों में होता है।
भारतीय सोना खरीदने में अव्वल
सोना भारतीय लोगों को हमेशा आकर्षित करता रहा है। इस कारण आज भी भारत के लोग सोना खरीदने में दुनिया में अव्वल माने जाते हैं। अगर भारत किसी साल दुनिया में सबसे ज्यादा सोना नहीं खरीदता है तो दूसरे नंबर पर रहता है। लेकिन आमतौर पर भारत का दुनिया में सोने की खरीदारी में पहला नम्बर ही रहता है। वर्तमान आर्थिक उतार-चढ़ाव की स्थिति में सोने में निवेश सुरक्षित माना जाता है। एक्सपट्र्स के अनुसार गोल्ड आने वाले समय में भी तगड़ा मुनाफ ा देगा।
अमरीका दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण आरक्षित धारक देश
1944 के ब्रेटन-वुड्स समझौते के तहत सोना को एक सुरक्षित संपत्ति का वर्ग मन जाता है। अमेरिकी फैडरल रिजर्व को मारकिनीं डॉलर का 40 प्रतिशत मूल्य सोने के रूप में रखने की जरुरत थी, जिसके तहत अमरीका ने दुनिया का लगभग 75 प्रतिशत सोना जमा किया। अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, अगस्त 2020 तक संयुक्त राज्य अमरीका अभी भी दुनिया में सबसे बड़ा स्वर्ण आरक्षित धारक देश है।
चांदी का भी महत्व, अपने उच्चतम स्तर को पार कर चुकी
सोने के साथ चांदी का भी महत्व है, चांदी 100 सालों में बढ़ते-बढ़ते अपने उच्चतम स्तर 78 हजार रुपए प्रति किलो को पार कर चुकी है। चांदी आजादी से पहले 1 रुपया तोला थी और सन 1885 से 1920 तक मुद्रा में होती थी। 1 रुपए का सिक्का 92 प्रतिशत चांदी में ढला होता था, जिसे आज कलदार कहते हैं औऱ आज बाजार में इसकी कीमत 1 हजार गुना यानी 1 हजार रुपए तक है।
पांच दशक में सोने की रफ्तार
वर्ष– सोना (प्रति दस ग्राम रुपए में )
१९७०— १९१.००
१९८०— १७००.००
1990— 3400.00
2010— 18500.00
2020— 57000.००
एक्सपर्ट व्यू
वर्तमान अनिश्चतता के दौर में सोने में निवेश सबसे अच्छा है, और इसके रिटर्न भी अच्छे आ रहे हैं। 1979 में तीन-तीन युद्ध हुए तो उस साल सोना 120 प्रतिशत तक उछल गया था। उस जमाने में दूसरे कोई खर्च नहीं थे और निवेश जमीनों और सोने में अधिक होता था। मोरारजी देसाई सरकार ने सोने की खरीद रोकने के लिए गोल्ड कंट्रोल एक्ट लगाया था, इसमें सोने के व्यापारियों पर बेहद कड़े नियम थोपे गए। भाव आसमान छू रहे, फि र भी सोने के प्रति लोगों का मोह भंग नहीं हुआ।
रामस्वरूप सोनी, व्यवसायी
निवेश के लिए सोना सबसे अच्छा विकल्प है। किसी भी स्तर पर सोने में निवेश कभी नुकसान नहीं देगा और आगे भी सोने में तेजी जारी रहने की प्रबल संभावना है। दिवाली तक और उसके बाद भी सोने का मार्केट गुलजार रहेगा।
नवीन सोनी, उपाध्यक्ष
इंडिया बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन
1971 से नौकरी के दौरान सोना करीब 300 रुपए तोला हुआ करता था, तब से आज तक सोने ने हर मुश्किल में साथ दिया। करीब 35 वर्षों से बच्चों की शादी से लेकर नाती-पोतों तक के जेवर खरीदे और आज भी सोना लेता रहता हूं।
एसके शर्मा, निवेशक
Source: Jodhpur