जोधपुर. कोरोना काल में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर की ओर से कराए जाना वाला आत्मरक्षा प्रशिक्षण कोरोना संक्रमण को बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। प्रदेश स्तरीय इन शिविरों में हजारों की संख्या में महिला शिक्षिकाएं एक जगह एकत्र होकर प्रशिक्षण लेगी। एेसे में इस आदेश से जिले की महिला शारीरिक शिक्षिकाएं असमंजस में है कि सरकार के आदेश की पालना करे या संक्रमण को गले लगाएं।
जोधपुर जिले में १७ ब्लॉक में से करीब ६०० से अधिक शिक्षिकाएं भाग लेगी। जिसमें प्रत्येक को २५० रुपए प्रतिदिन प्रशिक्षण व्यय मिलेगा। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर की ओर से प्रदेश में १० दिवसीय महिला गैर आवासीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर के आदेश जारी किए गए हैं। जो 23 दिसम्बर तक पूरा करना है। उदयपुर में प्रशिक्षण की तिथि १४ दिसम्बर तय कर दी गई है।
राज्य सरकार व केंद्र सरकार की गाइडलाइन
सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 31 दिसंबर तक सभी प्रकार के शिक्षण व प्रशिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। सभी प्रकार की खेलकूद गतिविधियां भी बंद है। ऐसे समय में आत्मरक्षा प्रशिक्षण करवाना कोरोना महामारी में संक्रमण को और बढ़ावा देना साबित हो सकता है।
शिविर में कोरोना संक्रमण बढऩे की संभावनाएं ज्यादा
– मास्क लगाकर प्रशिक्षण के लिए वॉर्म अप होना संभव नहीं होगा। वॉर्म अप एक्सरसाइज के दौरान श्वास की गति बढ़ जाती है और शरीर को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। मुंह पर मास्क के रहते यह संभव नहीं होगा।
– आत्मरक्षा प्रशिक्षण की तकनीकों को बिना एक दूसरे संभागी को छुए प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है। प्रशिक्षण के लिए उपयोग में लिए जाने वाले गद्दों को बार-बार अलग-अलग प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा उपयोग करने पर कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
– यह प्रशिक्षण राज्य भर में प्रत्येक ब्लॉक पर हजारों की संख्या में महिला कार्मिक एकत्रित होकर 10 दिन लगातार प्रशिक्षण प्राप्त करेगी। अलग-अलग जगहों से आना-जाना, परिवार-बच्चों के संपर्क से अधिक बढ़ सकता है।
इनका कहना…
कोरोना काल में इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर से कर्मचारियों में भय का माहौल उत्पन्न होगा। संघ की ओर से शिविर को ऑनलाइन या कोरोना समाप्त होने तक स्थगित करवाने का ज्ञापन स्कूल शिक्षा सचिव जयपुर को भेजा गया है।
– हापूराम चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ
Source: Jodhpur