पाकिस्तान तक कैसे बन गया भारत का जिला?
बाड़मेर पत्रिका.
भारतीय सेना ने छाछरो फतेह करने के बाद बाड़मेर के उप अधीक्षक सुखसिंह भाटी को छाछरो का एसपी तत्काल प्रभाव से नियुक्त कर रवाना करना था। एसपी मतलब अशोक स्तम्भ होना चाहिए। सुखसिंह के बाजू पर तुरंत अशोक स्तम्भ लगवाया गया और उनको एसपी छाछरो की जिम्मेदारी देकर रवाना किया गया। जिला कलक्टर कैलाशदान उज्जवल ने उस समय अपने कार्यालय अधीक्षक भीमसिंह चूली को छाछरो भेजा जो कलक्टर पॉवर के साथ कार्य करने लगे थे।
शिमला समझौते तक छाछरो में बाड़मेर पुलिस तैनात रही और उसका शिलालेख बाड़मेर पुलिस लाइन में आज भी मौजूद है। पत्रिका के साथ पुलिस थाना छाछरो की यादों को साझा किया किशोरङ्क्षसह चूली ने जो खुद छाछरो गई पुलिस टुकड़ी में शामिल रहे।
1971 में भारत ने पाकिस्तान पर विजय प्राप्त करने के बाद बाड़मेर के सीमावर्ती पाकिस्तानी जिले छाछरो को भारतीय जिला घोषित कर दिया था।वहां स्थापित जिले व पुलिस थाने के लिए बाड़मेर से पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी मांगे गए लेकिन उस विषम परिस्थिति में जाने को कोई तैयार नहीं हुए ।तब तात्कालीन जिला कलक्टरकैलाश दान उज्जवल को छाछरो तक कलक्टर की जिम्मेदारी दी गई थी।कार्यालय अधीक्षक के पद पर भीम सिंह महेचा चूली को नियुक्त किया गया। पुलिस में उप अधीक्षक सुख सिंह भाटी लोहारकी की हाथ की बाजू पर अशोक स्तंभ लगा गया नियमानुसार उप अधीक्षक को इंसेंटिव पुलिस अधीक्षक नहीं बनाया जा सकता है। पुलिस अधीक्षक छाछरो का जिम्मा सौंपा गया। पुलिस निरीक्षक चंदन सिंह भाटी पिथला को इंसेंटिव पुलिस उप अधीक्षक नियुक्त किया गया था। वहां पर स्थापित पुलिस थाने के लिए बाड़मेर से विशेष चयनित 04 उप निरीक्षक एवं 10 आरक्षक को भेजा गया। तनाव के माहौल में अधिकांश ने जाने से मना भी कर दिया था।भोपाल सिंह राजपुरोहित उप निरीक्षक को थानेदान की जिम्मेवार दी गई उनके नेतृत्व में खुमाण सिंह सोढा छाछरो(पाक विस्थापित) उप निरीक्षक, अनोप सिंह उप निरीक्षक, धनराज जोशी उप निरीक्षक एवं 10 आरक्षक भेजे गए थे।
श्याम सिंह मुंगेरिया, किशोर सिंह चूली, आईदान सिंह तारातरा, भेरू सिंह सोढा बावड़ी, छोटू राम बिश्नोई कुड़ी, आईदान सिंह सोढा बावड़ी, अखाराम राजपुरोहित रामसर, कंवराज सिंह सोढा बावड़ी, तेज सिंह सोढा तामलोर एवं खरता राम चौधरी चौहटन शामिल थे।वहां पर पोस्टिंग होने के दो चार माह बाद ही शिमला समझौते के तहत वो क्षेत्र पुन: पाकिस्तान को सौंपना पड़ा तब हमारी पुलिस की ओर से पकड़े गए अपराधियों को बाड़मेर तक साथ ही लेकर आ गए थे जिनको अंतरराष्ट्रीय सन्धि के अंतर्गत वापिस सौंपना पड़ा था । उनके द्वारा साथ लाया पुलिस थाने का शिलापट्ट आज भी पुलिस लाइन बाड़मेर में सुरक्षित है।
Source: Barmer News