जोधपुर. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के सौजन्य से केन्द्रीय कारागृह जोधपुर में जेल प्रशासन के सहयोग से बन्दियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित बीस दिवसीय नाटक और गायन प्रशिक्षण शिविर का समापन बुधवार को नाटक मंचन एवं गायन प्रस्तुति से किया गया।
अकादमी सचिव लक्ष्मीनारायण बैरवा ने बताया कि जेल प्रशासन की ओर से नवाचार के तहत बन्दियों को संगीत और नाटक की विधाओं से अवगत करवाने तथा इनकी बन्दी अवधि पूर्ण होने के पश्चात समाज की मुख्य धारा के साथ सामन्जस्य बैठाकर पारिवारिक माहौल में गुजर बसर कर सकने के उद्देश्य से राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से शिविर का आयोजन किया गया। पिछले माह 20 नवम्बर से प्रारम्भ शिविर की समाप्ति पर जेल सभागार में भारतेन्दु हरीशचन्द्र रचित नाटक ‘अन्धेर नगरी’ का मंचन वरिष्ठ रंग निर्देशक शब्बीर हुसैन के निर्देशन में किया गया।
कार्यक्रम में संगीत प्रशिक्षक दलपत डांगी के निर्देशन में धरती धोरा री.. और कौमी एकता के गीत, भक्ति रचना प्रस्तुत की गई। नाटक प्रस्तुतिकरण में रंग निर्देशक रमेश भाटी नामदेव, अरूण पुरोहित, मोहम्मद आसिफ ने सहयोग प्रदान किया। राजा की भूमिका में सहीराम, मन्त्री मुबारक खान, गुरु के रूप में गिरीश सिंह के साथ बीस कलाकारों ने भागीदारी निभाई। ढोलक पर जितेन्द्र ने संगीत संचालन किया। शिविर में लगभग तीस बन्दियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया । शिविर समापन कार्यक्रम में डीआईजी जोधपुर जेल सुरेन्द्र सिंह शेखावत, कारागार प्रबन्धक जगदीश प्रसाद पूनिया व मुख्य प्रहरी उदयसिंह तथा कारागृह के बन्दी उपस्थित थे।
Source: Jodhpur