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जोधपुर. कोरोनाकाल के बीच लोगों को अन्य गंभीर बीमारियों ने भी घेर रखा है। महात्मा गांधी अस्पताल के सर्जरी विभाग ने एक 36 वर्षीय युवक के पेट के अंदर दुर्लभ गांठ को ऑपरेशन कर बाहर निकाला। ये गांठ दुर्लभ इसलिए हैं कि ये बीमारी दस लाख लोगों में से २ में पाई जाती है। इस ऑपरेशन को रिटरो पेरोटोनियल लाइपोसारकोमा कहा जाता है। रोगी के शरीर में निकली गांठ का वजन ४ किलो और करीब एक फिट की थी। सर्जरी विभाग के एसोसिएशट प्रोफेसर डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि मरीज अस्पताल में पेट में भारीपन व कब्ज के साथ गुदाद्वार के पास बार-बार रस्सी आने की शिकायत के साथ आया था। मरीज इससे पहले कई जगह गया, लेकिन बीमारी पकड़ में नहीं आई। जांच में पाया गया कि मरीज के गुदाद्वार के पास नासूर के अलावा पेट में पीछे रिटरो पेरीटोनियम स्पेस में एक दुर्लभ गांठ है। डॉ. शर्मा ने बताया कि इस तरह की गांठ ५० साल की उम्र के बाद रोगियों में होती है, लेकिन कम उम्र में एेसी गांठ मिलना भी दुर्लभतम है, शुरुआती चरण में डाइग्नोसिस करना भी अपनेआप में कठीन है।

ये था चैलेंज और इन्होंने पूरा किया
डॉ. शर्मा ने बताया कि उनकी टीम के लिए बड़ा चैलेंज आसपास के अंगों को भी सुरक्षित रखना था। जिसमें गुर्दा, छोटी आंत, बड़ी आंत, यूरेटर, पेशाब की थैली व खून की नसों को बचाते हुए ऑपरेशन को अंजाम देना था। जो सभी कार्य सफलतापूर्वक हुए। डॉ. शर्मा की टीम में डॉ. राकेश, डॉ. सोनल, डॉ. रवि, डॉ. जयपाल, डॉ. मनोज, डॉ. सुनील व डॉ.़यदुनाथ शामिल रहे। निश्चेतना में विभागाध्यक्ष डॉ. शोभा उज्जवल, डॉ. जोगेन्द्रसिंह, डॉ. हेमलता का सहयोग रहा।

Source: Jodhpur

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