दिलीप दवे/ ओम माली
बाड़मेर. थार के किसानों के लिए अरबों रुपए की कमाई का जरिया अनार के भाव औधे मुंह गिर गए हैं। आलू-प्यास से भी आधे दाम में अनार बिक रही है वह भी हाथ ठेलों पर और खरीदार भी ज्यादा नहीं मिल रहे।सीमावर्ती जिले बाड़मेर में परम्परागत फसलों बाजरा, मूंग, मोठ, तिल की जगह अब सिंचित खेती के चलते खजूर, अनार, अंजीर जैसे फसलें पैदा हो रही है। इनमें से अनार की फसल तो किसानों को अरबों की कमाई दे रही है। पिछले कुछ साल से अनार की बेहद मांग महाराष्ट्र व गुजरात सहित देश के प्रमुख शहरों में रही है, लेकिन अब थार में अनार की पूछ कम हो रही है, यहीं कारण है कि बाड़मेर शहर में अनार अब एक तरह से कौडि़यों के दाम में मिल रही है। अभी बाजार में अनार की पैदावार आई है, जिसके बाद शहर में बीस रुपए किलो में अनार बिक रही है।
बाजार तक नहीं पहुंच इसलिए सस्ती- जानकारी के अनुसार बाड़मेर के किसानों को अनार बेचने का बाजार नहीं मिल रहा। बम्पर पैदावार के बाद किसान बाहरी प्रदेश तक इसे नहीं भेज पा रहे जिसके चलते वे औने-पौने दाम में ही अनार को बेच रहे है जिससे कुछ तो आय हो सके। सात हजार हैक्टेयर में पैदा होती अनार- एक हैक्टेयर में ८३३ पर सौ से एक सौ पच्चीस क्ंिवटल अनार का उत्पादन होता है।
अमूमन अनार के भाव किसानों को अस्सी से सौ रुपए प्रति किलो की दर से मिलते हैं।
इसलिए हो गई सस्ती– बाड़मेर में बिकने वाली अनार छोटी रहने के कारण इसकी मांग बाहरी प्रदेशों में नहीं है। एेसे में इसको स्थानीय बाजार में इसको बेचा जा रहा है। यहां बीस रुपए से ज्यादा दाम प्रतिकिलो नहीं मिल रहे हैं।
बाजार में दाम कम– बाड़मेर बाजार में अनार के कम दाम मिल रहे हैं। हालांकि अच्छी क्वालिटी की अनार बाहरी राज्यों में जा रही है जिसके दाम ठीक मिल रहे हैं। यहां बीस रुपए किलो बिक रही है। वहीं, किसानों को बाजार की जानकारी नहीं होने पर भी कई जने स्थानीय बाजार में कम दाम में अनार बेच रहे हैं।- डॉ. प्रदीप पगारिया, कृषि वैज्ञानिक केवीके गुड़ामालानी
Source: Barmer News