जोधपुर।
कोरोनाकाल में खाद्य प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) इकाइयों को खेत से ही सीधी खरीद करने की छूट वाली योजना किसानों को खूब रास आई है। राज्य सरकार ने सीधी खरीद के लिए प्रोसेसिंग इकाइयों को बिना आवेदन के अनुज्ञापत्र जारी करने की सहूलियत देते हुए किसानों से सीधी फ सल खरीद की अनुमति दी थी। इससे किसानों ने प्रोसेसिंग इकाइयों को सीधे ही फ सल बेच दी। महामारी के समय में किसानों के मंडियों के चक्कर व ट्रांसपोर्ट के खर्चे भी बच गए। सरकार से मिली छूट का प्रोसेसिंग इकाइयों व किसानों ने फ ायदा उठाया। परिणामस्वरूप प्रोसेङ्क्षसग इकाइयों ने किसानों से सीधा 8 हजार मीट्रिक टन जीरा-सरसों खरीदा। इससे पहले किसान केवल मंडी में फ सल बेच पाते थे लेकिन प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे किसानों से फ सल खरीद की अनुमति से मंडी के बजाय सीधी किसानों से ही फ सल खरीद पा रही है।
—
ज्यादा मंडी टेक्स बन रहा बाधा
जिले में जीरे की विशिष्ट मंडी है लेकिन मंडी में टेक्स ज्यादा होने के कारण इन फ सलों का अधिकतर व्यापार प्रदेश की बाहर की मंडियों में होता है। इससे स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग इकाइयों को प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। वहीं इन फ सलों के गुजरात में ज्यादा व्यापार होने से वहां प्रसंस्करण इकाइयां ज्यादा लग रही है अगर मंडी टेक्स खत्म हो जाए तो यहां कच्चा माल की लागत कम होने से फूड प्रोसेसिंग इकाइयां प्रोत्साहित होगी तथा सीधी खरीद योजना से किसानों को लाभ मिल सकता है।
—
प्रसंस्करण इकाइयों द्वारा किसानों से सीधी फसल खरीद
-3 हजार मीट्रिक टन जीरा की खरीद।
– 5 हजार मीट्रिक टन सरसों की खरीद।
– 60 करोड़ मूल्य की फसलों की सीधी खरीद प्रोसेसिंग इकाइयों ने की जिले में।
– 25 इकाइयों ने किसानों से सीधी खरीद की।
—
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख तुलछाराम सिंवर ने बताया कि राज्य सरकार ने जिले में लॉकडाउन के दौरान प्रोसेसिंग इकाइयों को सीधी खरीद की अनुमति दी थी, इससे किसानों को अपनी फ सल प्रोसेसिंग इकाइयों को बेचने की छूट मिली थी। मंडी टेक्स खत्म होगा तो सस्ते कच्चे माल की उपलब्धता के कारण इकाइयां प्रोत्साहित होगी व सीधी खरीद की अनुमति के कारण किसानों को फ सलों के अच्छे दाम भी मिलेंगे। मंडी टेक्स खत्म करने के लिए संगठन ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है।
Source: Jodhpur