बाड़मेर पत्रिका.
मैं 1996 से कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं। कई नेताओं के साथ रहा और उनके करीब में रहा। हमेशा कार्यकर्ता बनकर रहा। कभी मंच पर नहीं बैठा। कोई साफा-माला नहीं पहनी। हमेशा कार्य करता रहा। फेसबुक एकाउंट पर भी कभी किसी नेता के साथ अपना फोटो शेयर नहीं किया। कांग्रेस ने ऐसे कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी है। जड़ से जुड़ा हूं और जुड़ा रहूंगा। गांव की समस्याएं बेहतर तरीके से जानता हूं। गांव का आदमी हूं। पानी,बिजली,सड़क और ग्रामीण विकास के लिए मेरे से जितना हुआ करूंगा। ये मेरी जीत कांगे्रस के आम कार्यकर्ता और कांगे्रस के बड़े नेताओं के विश्वास की जीत है। जिला प्रमुख महेन्द्र चौधरी ने अपने जीवन के पहले साक्षात्कार में यह बात पत्रिका से कही। चौधरी ने पत्रिका के डिजिटल पेज को देखते हुए कहा कि यह मेरा पहला फोटो है जो इस तरह आया है…।
इसी वार्ड से टिकट मांगा था..
वार्ड 35 से पहली बार टिकट 2005 में मांगा था, तब मेरे मित्र रूपकिशोर जांदू व गुमनाराम मूंढ ने कोशिश की थी लेकिन उस समय टिकट रोक लिया गया। मैं इसके बाद भी सक्रियता से कार्य करता रहा, आज उसी वार्ड से जीतने के बाद जिला प्रमुख बना। गिड़ा क्षेत्र को यह पहला नेतृत्व है।
छात्र राजनीति से शुरूआत
वर्ष 1996 में मैं कॉलेज छात्रसंघ में एनएसयूआई से क्लास प्रतिनिधि बना था। तब से कांगे्रस से जुड़ा हंू। इसके बाद बीकानेर और जोधपुर से एलएलबी की और फिर वकालात के लिए जैसलमेर चला गया था।
पिता व्यस्थापक थे, उन्होंने जैसलमेर भेजा
पिता ग्राम सहाकारी समिति में व्यवस्थापक थे और उन्होंने जैसलमेर जाने का कहा। पत्नी नर्सग्रेड द्वितीय है और परिवार सहित जैसलमेर ही रहने लगा। यहां मुझ दो बार लोक अभियोजक बनाया गया। जैसलमेर में कांग्रेस के साथ लगातार जुड़व रहा। हम दो भाई है,एक व्यवस्थापक है। ***** शिक्षक है। मेरा एक बेटा एमबीबीएस और बेटी बारहवीं में पढ़ रही है।
मेरी प्राथमिकताएं
1. पेयजल के लिए विशेष्ज्ञ कार्य, टांकों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्र में सर्वाधिक जरूरत है
2. सदन का गरीमापूर्ण संचालन और अधिकाधिक प्रस्ताव राज्य सरकार का तक भेजना ताकि विकास हों
3. पंचायती राज संस्थाओं की मजबूती के लिए कार्य करना
4. मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं का आम आदमी को लाभ दिलवाना
जीत का श्रेय
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी,जिलाध्यक्ष फतेहखां, सभी कांग्रेस के विधायक और कार्यकर्ताओं को जिन्होंने पूरी मेहनत की।
18 से 21 वोट कैसे हुए
हमारे पास 18 वोट थे। एक वोट भाजपा से आया था और इसके अलावा जिनको कांग्रेस में विश्वास और उसकी नीतियों में भरोसा लगा उन सदस्यों ने भी वोट दिया। यह उनका अपना अधिकार है।
Source: Barmer News