जिस उम्र में नौकरी की तलाश, स्टुडेंट यहां बन गए प्रधान
– बाड़मेर जिले में तीन प्रधान है स्टुडेंट
बाड़मेर पत्रिका.
इस उम्र में अधिकांश युवा पढाई कर रहे है या फिर बेरोजगारी में चप्पले घिस रहे है। कोरोना के इस दौर में तो युवाओं के लिए नौकरी बड़ा प्रश्न बना हुआ है लेकिन बाड़मेर जिले के तीन युवाओं की तकदीर देखिए उन्होंने इस पंचायती राज का अपना पहला वोट खुद को दिया। खुद ही पहले पंचायत समिति सदस्य बन गए। तकदीर तो तब किससिकंदर हो गई जब इन्हेें पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी देकर प्रधान बना दिया। तरूणाई की उम्र में प्रधानी करने वाले इन युवकों का जीतना राजनीति में युवाओं पर बढ़ते भरोसे का भी संकेत है।
बीए पढऩे जाता है मुकेश
सीमांत जिले की फागलिया पंचायत समिति के प्रधान बने है मुकेश कोली। मुकेश अभी बी ए अंतिम वर्ष के छात्र है और धोरीमन्ना की एक कॉलेज के स्टुडेंट है। मुकेश 22 साल के मुकेश के लिए पंचायत समिति का यह पहला ही वोट था। भाजपा ने उन पर भरोसा किया और टिकट दिया और वे जीते। जीतने के बाद प्रधान के गणित में भी उनको ही आगे लाया गया और जीत गए। मुकेश कहते है कि यह सब एक महीने में अकस्मात हुआ है। छात्र राजनीति की बजाय सीधा ग्रामीण राजनीति से जुड़ा और पार्टी ने बड़ा भरोसा किया। अब पढ़ाई भी करूंगा और जनसेवा भी।
विरासत में मिली कुर्सी
इसी तरह गडरारोड़ पंचायत समिति के प्रधान सलमान खान बने है। सलमान को राजनीति विरासत में मिली है। उनके दादा अमीन खां शिव के विधायक है लेकिन सलमान अभी एलएलबी कर रहे है। एलएलबी का उनका अंतिम वर्ष है। 25 साल के युवा सलमान के लिए प्रधानी से राजनीति में कदम उनको सियासती दांवपेचों की दुनियां में ले आया है। उनके पिता शेर मोहम्मद शिक्षक है, लिहाजा दादा अमीनखां ने अपने पोते को विरासत में राजनीति में उतारा है। सलमान कहते है कि उनके लिए राजनीति जिम्मेदारी है, वे विरासत में मिली राजनीति में मुकाम बनाएंगे।
निर्दलीय जीतकर प्रधान
जिले की शिव पंचायत समिति के प्रधान बने महेन्द्र जाणी के लिए तो यह चुनाव सबसे रोचक ही कहा जाएगा। कांग्रेस पार्टी ने महेन्द्र को 22 साल की उम्र में टिकट दिया। चुनावों के नतीजे के बाद में कांग्रेस ने उन्हें प्रधान का सिम्बल नहीं दिया तो महेन्द्र अलग हो गए और कांग्रेस व अन्य का सहयोग लेकर वे खुद ही प्रधान बन गए। राजनीति, गठजोड़ और जोड़तोड़ उनके राजनीति में कदम रखते ही पहले ही पाठ में आ गए। बीए की पढ़ाई कर रहे महेन्द्र का इस उम्र में प्रधान बनना क्षेत्र में चर्चा बना हुआ है। महेन्द्र कहते है कि पढ़ाई पूर्ण करने के साथ वे राजनीति में अभी बहुत कुछ सीखेंगे।
Source: Barmer News