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जोधपुर. लोगों को अक्सर यह आशंका रहती है कि उनके घर के पास स्थित लैटर बॉक्स को डाकिया प्रतिदिन खोलता है अथवा नहीं। पत्र समय पर पहुंचेगा या नहीं, इसके चलते कई लोग मुख्य डाकघरों के पास लगे लैटर बॉक्स में ही चिठ्ठी-पत्री पोस्ट करके आते हैं।
डाक विभाग ने अब इस समस्या का समाधान ढूंढ निकाला है। डाक विभाग ने आर्टिकल डिस्पैच व क्लीयरेंस के लिए मोबाइल एप्लीकेशन ‘नन्यता’ विकसित की है। इसके अंतर्गत एक बारकोड लैटर बॉक्स के अंदर की तरफ चस्पा किया गया है। डाकिए को प्रतिदिन लैटर बॉक्स को खोलकर अपने मोबाइल से इस बारकोड को स्कैन करना होता है। ऐसे में डाकिए को प्रतिदिन लैटर बॉक्स खोलना ही पड़ता है। जोधपुर डाकमण्डल के सभी शहरी क्षेत्रों में यह व्यवस्था लागू हो गई है। शीघ्र ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह शुरू हो जाएगी। जोधपुर डाक परिमण्डल के अंतर्गत आने वाले पश्चिमी राजस्थान के 13 जिलों के शहरों में 1126 लैटर बॉक्स हंै।

नन्यता पर लेटर बॉक्स व आर्टिकल की जानकारी अपडेट
डाक विभाग ने सभी डाकियों के स्मार्ट फोन में नन्यता एप डाउनलोड कर दी है। प्रत्येक लैटर बॉक्स के लिए विशेष बारकोड दिया गया है, जिसमें पिनकोड व दो अंक का विशेष सीरियल नम्बर भी है। डाकिया लैटर बॉक्स खोलने के बाद बारकोड स्कैन करता है और उसमें अपना नाम व जगह भरता है। इसके बाद आर्टिकल की संख्या, पोस्टल स्टाफ नम्बर व अन्य जानकारी डालता है। इससे आर्टिकल डिलिवरी तक सारा सिस्टम मॉनिटर होता है। नन्यता एप से समस्त सूचनाएं डाक विभाग के चैन्नई स्थित मुख्य सर्वर में जाता है। ऐसे में विभाग को यह जानकारी रहती है कि देश में किस दिन कितने डाकियों ने कितने आर्टिकल डिस्पैच किए हैं।

लैटर बॉक्स बंद या खराब
नन्यता एप के माध्यम से लैटर बॉक्स की सेहत के बारे में भी जानकारी रहेगी। लैटर बॉक्स खराब या बंद स्थिति में होने पर उसे तुरंत बदला जा सकेगा। देश में समस्त क्रियाशील लैटर बॉक्स की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध है।
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‘अब कोई भी लैटर बॉक्स बंद नहीं मिलता है। लोग अपने नजदीकी लैटर बॉक्स में ही आर्टिकल डाल सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह व्यवस्था शीघ्र शुरू की जाएगी।’
– सचिन किशोर, पोस्ट मास्टर जनरल, पश्चिमी डाक परिमण्डल (जोधपुर)राजस्थान

Source: Jodhpur

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