जोधपुर. उत्तरी बर्फीली हवाओं ने गुरुवार को समूचे प्रदेश को शीतलहर की चपेट में ला दिया। जैसलमेर के चांधन में पारा -१.५ डिग्री रहा जो मनाली (-१.२) और शिमला (२.७) से भी ठंडा था। धोरों में तापमान -५ डिग्री के आसपास जाने का अनुमान है। माउंट आबू में पारा -१ डिग्री रहा। भीषण ठंड के कारण हाथ-पैरों की अंगुलियां जलने लग गई। खेतों में फसलों और पेड़-पौधों पर बर्फ जमी देखी गई। जैसलमेर में पारा ५.२, फलोदी में ५.८ और जोधपुर में ७.१ डिग्री रहा। कड़ाके की सर्दी से दांत किटकिटाने लग गए। दिनभर धूजणी रही। आसमां साफ होने से सूरज अपने पूरे तेज से उदय हुआ और लोगों को राहत देने की कोशिश की लेकिन पहाड़ों से आ रही ठंडी हवा के झौंकों ने तीखी धूप में भी धूजणी छुड़ाए रखी। मौसम विभाग ने लोगों को सर्दी से बचने के लिए गुरुवार को सुझाव भी जारी किए। विभाग के अनुसार शुक्रवार को गुरुवार के समान ही सर्दी रहेगी। तापमान में मामूली बढ़त हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण शनिवार शाम से बादल आना शुरू हो जाएंगे तब रात के तापमान में कुछ बढ़ोतरी होगी।
जोधपुर में 4 डिग्री लुढक़ा, कड़ाके की सर्दी
जोधपुर में गुरुवार सुबह कड़ाके की सर्दी रही। न्यूनतम तापमान चार डिग्री से अधिक गिरकर ७.१ डिग्री पर आकर रुका। सायं-सायं करती हवा के झौंकों ने शहरवासियों की धूजणी छूटा दी। इस सीजन में पहली बार लोगों को जबरदस्त जाड़े का अहसास हो रहा था। नीला आसमां होने से सूर्योदय के बाद चटख धूप भी निकली, लेकिन बहती हवा धूप में भी शरीर को अंदर बेध रही थी। दिन में पारा एक डिग्री गिरकर २१ डिग्री रहा जो सामान्य से छह डिग्री कम था। जोधपुर में कोल्ड डे रहा।
फलोदी-लोहावट के खेतों में बर्फ जमी
फलोदी में न्यूनतम तापमान ५.८ व अधिकतम २१.४ डिग्री रहा। ग्रामीण इलाकों में सर्दी बहुत अधिक थी। लोहावट में रेगिस्तानी क्षेत्र होने की वजह से वहां खेतों में फसलों पर बर्फ की पपडि़यां जम गई। देर सुबह तक क्षेत्रवासी घरों में दुबके रहे। शाम ढलते ही कफ्र्यू जैसा माहौल हो गया।
अगले 2 दिनों के लिए 9 जिलों में ओरेंज अलर्ट
कड़ाके की सर्दी को देखते हुए अगले दो दिनों तक ९ जिलों मे ओरेंज अलर्ट जारी किया है यानी इन जिलों में लोगों को सर्दी से बचने के लिए विशेष उपाय करने हैं। इसमें श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, अलवर, भरतपुर, बूंदी, सीकर व झुंझनूं शामिल है।
सर्दी के प्रभाव
– ठंडे के लंबे समय तक सम्पर्क में फ्लू, बहती/बंद नाक की संभावना बढ़ सकती है।
– कंपकपी को नजरअंदाज न करें। यह पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है।
– सर्दी के अधिक सम्पर्क से शीतदंश यानी फ्रॉस्टबाइट हो सकता है। त्वचा पीली, कठोर व सुन्न हो जाती है। अंत में हाथ-पैरों की अंगुलियों, नाक या कान पर काले रंग के छाले दिखाई देते हैं।
सर्दी से बचाव के उपाय
– उष्मारोधी/जलरोधक जूते पहनें।
– त्वचा को नियमित तौर पर तेल, पेट्रोलियम जेली या बॉडी क्रीम से नम रखें।
– विटामिन-सी से भरपूर फल-सब्जियां खाएं।
– पर्याप्त इम्यूनिटी के लिए तरल पदार्थ पीएं।
– बाहरी गतिविधियों को सीमित रखें।
– शरीर को गर्मी खोने से बचाने के लिए कपड़े सूखे रखें। गीले हो गए तो तुरंत बदलें।
– गुनगुने पानी से धीरे-धीरे शरीर के प्रभावित हिस्से को गर्म करें। तेजी से नहीं रगड़ें।
– हीटर का उपयोग करते समय वेंटिलेशन का ध्यान रखें।
– विद्युत व गैस हीटिंग उपकरणों का उपयोग सुरक्षा उपाय के साथ करें।
– शराब न पिएं। यह आपके शरीर के तापक्रम का कम करता है।
– नियमित रूप से गर्म पेय पिएं।
(सर्दी के प्रभाव और बचने के उपाय भारतीय मौसम विभाग ने जारी किए हैं।)
Source: Jodhpur