बाड़मेर पत्रिका.
2020 में सबसे बड़ी फिक्र रही सेहत और जिंदगी की। क्या,पता कब संकट जीवन का अंत नहीं कर दें तो 2021 में पत्रिका के साथ पढि़ए उस फौजी की ङ्क्षजदगी जो 2021 में तीन समय रोटी खाता है और अपने खेत में घूम फिरकर आ जाता है,बड़े जज्बे के साथ कहता है-समय पर खाओ, सही खाओ और सही रहो और जिंदगी जीत जाओ।
जिले के सवाऊपदमसिंह गांव के राजस्व गांव अमरजी की ढाणी के निवासी है अमराराम चौधरी। 1914 में जन्मे अमराराम कहते है कागजों में 103 साल का हूं,वैसे 106 पूरे कर लिए है।अभी सुबह खेत में घूमकर आया हूं। तीन टाइम रोटी जीम लेता हूं। थोड़ा ऊंचा सुनाई देता है पर बाकि कोई तकलीफ नहीं है। सवाल था कि सेहत का राज तो बोले बिळौणे की छाछ..बाजरी की रोटी और बात नहीं करता खोटी। जीवन को मुकाबले से लड़ा और जीत रहा हूं।
द्वितीय विश्वयुद्ध के सैनिक
द्वितीय विश्वयुद्ध 1939 से 1945 के बीच हुआ तो गांव में बलिष्ठ और बांक जवान थे तो जोधपुर से आए लोग उन्हें लेकर गए। पहले जोधपुर, फिर अजमेर और बाद में दिल्ली ले गए। यहां चार माह प्रशिक्षण दिया और फिर बर्मा, सिंगापुर, इंडोनेशिया, हांकांगग सहित कई देशों में 04 साल तक युद्ध में रहे। युद्ध में बेहतर प्रदर्शन पर दो मैडल एक बर्मा और एक सिंगापुर से मिला। इसके बाद लौटे और 1946 में सेना से सेवानिवृत्त होकर गांव आ गए।
फिर लड़े लगान की लड़ाई
यहां आने के बाद गांवों में किसानों से जबरदस्त वसूलने वाले लगान(हासल) का विरोध किया और इलाके के किसानों का लगान माफ करवाया।
डकैतों से किया मुकाबला
1952 में डकैतों ने बायतु इलाके के निंबाणियों की ढाणी इलाके में प्रवेश किया तो मुकाबले में डट पड़े। 25 डकैतों को अपने साथियों के साथ भगाया। उस समय के आईजी ने अमराराम को बुलाया और ईनाम के साथ एक बंदूक सुरक्षा को दी। जो उन्होंने अभी दस साल पहले जमा करवाई।
नेतृत्व करते रहे
अमराराम ने 13 साल लगातार गांव के सरपंच रहे। इसके बाद एक बार 1963 में बाड़मेर विधायक का निर्दलीय चुनाव भी लड़ा। उनकी नेतृत्व क्षमता के चलते भूमि विकास बैंक अध्यक्ष, कृषि मण्डी चेयरमैन का कार्य भी किया।
भरापूरा परिवार और गांव की जिंदगी
चार बेटे, दो बेटियां और नाती-पोतियों से भरा पूरा परिवार है। अमराराम गांव की जिंदगी जी रहे है। वे कहते है कि गांव में अभी भी शुद्ध आबोहवा और खानपान है। बिलौणे की छाछ और बाजरी की रोटी के साथ देसी खाना खाने से सेहत नहीं बिगड़ती है। कोरोना की मुझे कभी फिक्र नहीं हुई। सोशल डिस्टेसिंग और मास्क लगाया। रोज घूम लेता हूं ताकि सेहत ठीक रहे। व्यायाम,योगा अब नहीं होता।
Source: Barmer News