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जोधपुर.
मुम्बई की कम्पनी से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऑनलाइन कारें किराए पर ले जाकर जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बेच देने के मामले में जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया। इनसे छह कारें बरामद की गईं हैं। आरोपियों ने एेसी दर्जनों कारों को जोधपुर ग्रामीण के अलावा बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर व पाली में भी बेचना स्वीकार किया।

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राहुल बारहठ ने बताया कि मुम्बई में जूम कार सर्विस है। जो दस्तावेज जमा कर ऑनलाइन किराए पर कारें देती हैं। गत वर्ष अलग-अलग जगहों से कुछ लोगों ने कारें किराए पर ले गए, लेकिन लौटाकर नहीं आए। इस संबंध में मुम्बई के पवई थाने में मामला दर्ज किया गया था। जांच में कारों के जोधपुर ग्रामीण क्षेत्रों में बेचे जाने की सूचना मिली।
मुम्बई पुलिस की सूचना पर फलोदी थानाधिकारी सुरेश चौधरी, मतोड़ा थानाधिकारी नेमाराम, लोहावट थानाधिकारी इमरान खान व भोजासर थानाधिकारी डॉ मनोहर बिश्नोई ने तलाश शुरू की। मतोड़ा थाने के कांस्टेबल श्रवण बिश्नोई को मिली सूचना के आधार पर मशक्कत के बाद लोहावट थानान्तर्गत पीलवा निवासी जगदीश पुत्र सोहनराम बिश्नोई व कानासर निवासी महेन्द्र पुत्र रतीाराम बिश्नोई को गिरफ्तार कर मुम्बई की जूम कम्पनी की छह कारें बरामद की गईं।

अलग-अलग जगह व रजिस्ट्रेशन से धोखाधड़ी
जूम कार सर्विस की मुम्बई के अलावा पुणे, अहमदाबाद व इंदौर में सेवाएं हैं। आरोपी अलग-अलग जगहों से किराए के लिए कारें बुक कराते थे। इसके लिए फर्जी दस्तावेज ऑनलाइन देते थे। फिर इन कारों को जोधपुर ग्रामीण, बीकानेर और जैसलमेर, बाड़मेर व पाली में बेच देते थे। एेसी दर्जनों कारें बेचना कबूल किया।

ट्रैकिंग से बचने के लिए जीपीएस सिस्टम हटाया
कम्पनी की ओर से किराए पर दी जाने वाली कारों के अंदर ही मूल दस्तावेज रहते हैं। इसलिए इन्हें आसानी से बेच देते थे। कारों में लगे जीपीएस सिस्टम को हटा देते थे। ताकि कोई उन्हें ट्रैक न कर सके।

Source: Jodhpur

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