बाड़मेर/ पचपदरा पत्रिका.
रिफाइनरी के लिए अब तक 5000 करोड़ व्यय हो गए लेकिन ग्राम पंचायत मंडापुरा व सांभरा जहां यह मेगा प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है दो साल में महज ही आय हुई है। यहां बन रही होटल और अन्य निर्माण का राजस्व न तो ग्राम पंचायत के हिस्से आया है और न ही ग्राम पंचायत को पता है।
ग्राम पंचायत मंडापुरा और सांभरा रिफाइनरी को लेकर बड़े-बड़े सपने पाले हुए है। सीएसआर(कार्पोरेट सोसायटी रेस्पोंसिबिलिटी) की राशि तो अब महज 108 करोड़ आनी है और वो भी दो विधानसभा क्षेत्र में बंटेगी। अब इन ग्राम पंचायतों के हिस्से अन्य आय की आस थी लेकिन जनवरी 2018 में रिफाइनरी का कार्य शुभारंभ होने के बाद अब तक दोनों ग्राम पंचायतों को एक आने की भी आय नहीं हुई है।
पंचायत के इर्दगिर्द विकास
सांभरा पंचायत समिति के ठीक सामने रिफाइनरी की आवासीय कॉलोनी बन रही है जो करीब600 करोड़ की है। यहां बन रही होटलों पर भी 500 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया है। इसके अलावा व्यवसायिक गतिविधियों में पचपदरा से लेकर रिफाइनरी इलाके तक 1000 से अधिक दुकानें खड़ी हो गई है। बावजूद इसके ग्राम पंचायत के हिस्से कुछ भी नहीं आ रहा है
पंचायत की जरुरतें
सांभरा और मंडापुरा ग्राम पंचायतों मेंं बिजली, सड़क, पानी, स्कूल की मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। पानी के लिए भी मीलों दूर जाने की स्थिति है। रिफाइनरी निर्माण के साथ ही लोगों ने मांग उठाई है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
ग्राम पंचायत को मिले बजट
रिफाइनरी का बड़ा प्रोजेक्ट ग्राम पंचायत में बन रहा है। मंडापुरा ग्राम पंचायत को विकास के लिए विशेष बजट दिया जाए। ग्राम पंचायत का विकास रिफाइनरी के साथ हों इसका प्रबंध सरकार करें।- डालाराम प्रजापत, सरपंच मण्डापुरा
रोजगार और विकास दिखे
गांव में बेरोजगारों को रोजगार प्राथमिकता से दिया जाए और यहां विकास के लिए स्कूल, सड़क, नाली, बिजली,पार्क और अन्य सुविधाओं के लिए ग्राम पंचायत को बजट देकर आदर्श ग्राम पंचायत बनाई जाए।- लीला हुड्डा, सरपंच सांभरा
Source: Barmer News