बाड़मेर. शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील ने प्रदेश के सभी उपखंड मुख्यालयों पर 18 जनवरी को मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री के नाम उपखंड अधिकारियों और तहसीलदारों को ज्ञापन सौंपने का निर्णय किया है।
संगठन की 1 नवम्बर को केकड़ी में प्रदेशाध्यक्ष बनाराम चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया।
संघ के प्रदेश महामंत्री पूनमचंद विश्नोई ने बताया कि 18 जनवरी को 13 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन देकर निराकरण की मांग की जाएगी। शीघ्र समाधान नहीं होने पर संगठन प्रदेश व्यापी आंदोलन करेगा।जिलाध्यक्ष देरावरसिंह चौधरी ने शिक्षकों की 13 सूत्रीय मांगों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 1 जनवरी 2004 या इसके बाद नियुक्त शिक्षकों पर लागू एनपीएस समाप्त कर ओपीएस लागू की जाए।
स्थानांतरण नीति व नियम बनाकर सभी संवर्गों के शिक्षकों के स्थानांतरण किए जाए। वर्ष 2007‐2008 में नियुक्त शिक्षकों , प्रबोधकों एवं संविदा शिक्षकों को भटनागर समिति की सिफारिशों के अनुरूप स्थायीकरण तिथि से लाभ दिया जाए। तृतीय श्रेणी, द्वितीय श्रेणी, व्याख्याता,प्रबोधकों, संविदाकर्मी शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर कर नोशनल परिलाभ दिया जाए।
माह मार्च 2020 में 16 दिन का स्थगित वेतन का भुगतान किया जाए। शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी संविदाकर्मियों को स्थायी किया जाए और पातेय वेतन पर कार्यरत शिक्षकों को सत्र 2009-10 से पदोन्नति का लाभ दिया जाए। प्रबोधकों को पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराए जाए।
शारीरिक शिक्षकों को पदोन्नति के अवसर देकर उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पद स्वीकृत किए जाए। शिक्षकों को अपनी संपूर्ण सेवाकाल में चार पदोन्नति के अवसर प्रदान किए जाए और 7,14,21व 28 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान का लाभ दिया जाए।
निशुल्क पाठ्यपुस्तकें नोडल क्षेत्र की मांग के अनुसार उपलब्ध कराई जाए। राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों को निशुल्क दवा वितरण होने के कारण मासिक वेतन से कटौती बंद की जाए। प्रारंभिक शिक्षा से माध्यमिक शिक्षा में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदस्थापन के लिए 6डी की प्रक्रिया बंद कर माध्यमिक शिक्षा में शिक्षकों को लेने के विकल्प मांगे जाए।
Source: Barmer News