जोधपुर. पौष मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा गुरुवार 14 जनवरी को सुबह 8.13 बजे चंद्र नक्षत्र श्रवण मकर राशि स्थित चंद्रमा वज्र योग बवकरण एवं मकर लग्न के उदय में भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर संक्रांति का पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 8.13 बजे बाद पूरे दिन रहेगा। इस बार संक्रांति का वार नाम मंदा संज्ञक अर्थात विप्र वर्ग के लिए हितकारी रहेगा। इसका नक्षत्र नाम महोदरी होगा। पं.ओमदत्त शंकर के अनुसार संक्रांति का वाहन सिंह तथा उप वाहन हाथी रहेगा। सफेद वस्त्र, सुवर्ण पात्र, कस्तूरी तिलक तथा गमन पूर्व दिशा में तथा दृष्टि अग्नि कोण पर होगी। इस आधार पर सोना, चांदी, तांबा, पीतल, स्टील, गेहूं, चावल, चना, साबूदाना, कपास, सोयाबीन , दलहन , हल्दी, सफेद वस्त्र, केसर, कस्तूरी एवं आयुध आदि वस्तुओं में तेजी रहेगी।
मकर संक्रांति पर बन रहा पंचग्रही योग
संक्रांति के प्रवेश के समय मकर लग्न में 5 ग्रहों की युति रहेगी। यह युति विदेश नीति तथा पड़ोसी राष्ट्रों के मध्य संबंधों के लिहाज से ठीक नहीं रहेगी। इससे आगामी चार माह तक शासक, रक्षक, लेखक व शिक्षक पर कष्ट रहेगा। इस बार मकर संक्रांति पर दुर्लभ योग बन रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि पौष मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि गुरुवार श्रवण नक्षत्र वज्र योग बवकरण एवं मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में यह पर्व होगा। साथ ही पूर्व से मकर राशि में सूर्य, बुध, गुरु, शनि की युति विद्यमान होगी। चंद्र के साथ में आते ही यह पंच गृही युति होगी। इसका प्रभाव सवा 2 दिन तक रहेगा। इस बार फसलों का उत्पादन लाभकारी रहेगा। शनि के नक्षत्र का प्रभाव वन के पशु-पक्षियों में रोग पीड़ा कारक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन तिल मिश्रित जल से स्नान और हवन तथा बर्तन, चारा, अन्न, तिल, गुड़, स्वर्ण, भूमि व वस्त्र का दान करना श्रेष्ठ माना गया है।
Source: Jodhpur