बिलाड़ा. (जोधपुर) गरीबों के सेव के रूप में पहचान बना चुका बेर अब इस क्षेत्र के किसानों को मालामाल करने लगा है। मानसून की अच्छी बारिश के बाद इस बार लंबी अवधि तक सर्दी रहने से यहां के बेर खेतों में भरपूर पैदावार दे रहे हैं। विशेष बात यह कि बिलाड़ा एवं आसपास के किसानों ने अब तक कई वैरायटी के बेर लगाए हैं, लेकिन गोला एवं सेव वैरायटी ही खाने वालों की पहली पसंद बनी हुई है।
वर्षों से बेर की फसल लेने वाले उचियारड़ा के किसान भंवरलाल सीरवी का कहना है कि उसने काजरी उद्यानिकी के अनुसार ही बेर की कई वैरायटी लगा रखी है। लेकिन इसमें आधी से अधिक वैरायटी गोला की ही है, जो लोगों में सर्वाधिक पसंद की जाती है। नेमाराम पटेल बताता है बेर में विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स जैसे पोषक तत्व होते हैं, जिसमे रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने से यह घाव को जल्दी भरता है। इस बार सर्दी अच्छी बनी रही इस वजह से बेर भी अच्छा खासा उतर रहा है । यह फसल मार्च तक ली जा सकती है।
85 पेड़ों से 90 क्विंटल बेर का हुआ उत्पादन
किसान नेमाराम राठौड़ ने बताया कि बेर की कई प्रजातियां होती हैं, जिनमें से उसके पास बेर की बनारसी, सेब, गोला और इलाइची चार किस्में हैं। इस समय 85 पेड़ फल दे रहे हैं, जिनसे 80 से 90 क्विंटल फल मिल जाते हैं। इन्हें बाजार में बेच कर अतिरिक्त आय हो रही है। पेड़ तैयार होने के बाद ज्यादा देखभाल और पानी की जरूरत नहीं होती। इसकी कटाई-छंटाई अप्रेल-मई में कर दी जाती है, जिससे फल खूब आते हैं और बेर बड़े होते हैं। पेड़ों में किसी प्रकार का रोग नहीं लगता, लेकिन फल को मक्खी कभी-कभी नुकसान पहुंचा देती है, जिससे फलों में कीड़े हो जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए फूल आने पर रोगार नामक दवा का छिड़काव करते हैं।
पौष्टिक गुणों से भरपूर
बेर पौष्टिक गुणों से भरपूर फल है। जिसमें कार्बोहाइड्रेट, रुक्षांस/फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, विटामिन बी, खनिज लवण, कैल्शियम, लोहा, फास्फोरस,पोटैशियम आदि भरपूर मात्रा में मिलते हैं। यह लगातार खाने से जहां मसूड़े स्वस्थ रहते हैं एवं दांतों की एक्सरसाइज हो जाती है।
इसे खाने से कोरोना खतरा होता है कम
वैज्ञानिक डॉ. पीआर मेघवाल की माने तो रेगिस्तानी कश्मीरी सेब यानी बेर में विटामिन और पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा है। इसमें पल्प, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा और प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन सी व बी भी मौजूद हैं। इसके साथ ही कैल्शियम और आयरन के साथ फास्फोरस भी मौजूद है। यानी रेगिस्तानी में उगाया गया सेबनुमा ये बेर सेहत में सुधार तो करेगा ही वह विटामिन सी और बी मौजूद होने से कारण कोरोना से लडऩे में सहायक है। यह कोरोना संक्रमण का खतरा भी कम करता है।
Source: Jodhpur