दिलीप दवे बाड़मेर. राज्य पशु चिंकारा और राज्य पक्षी मोर की धरा में फैले आरक्षित वन क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था तो दूर समय पर इलाज का भी प्रबंध सरकार ने नहीं किया है। स्थिति यह है कि करीब तीन हजार बीघा क्षेत्र में फैले कुड़ी-पटाऊ गांव के वन क्षेत्र में हर दिन हादसों में वनजीव घायल होते हैं, लेकिन आसपास रेस्क्यू सेंटर नहीं होने से इलाज के अभाव में कई वन्य जीव दम तोड़ देते हैं।
जरूरत है तो बालोतरा में रेस्क्यू सेंटर की, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही। बाड़मेर जिला चिंकारा, मोर बाहुल्य जिलों में से एक है। बाड़मेर-जोधपुर मार्ग पर कुड़ी-पटाऊ गांव के बीच करीब तीन हजार बीघा में आरक्षित वन है, जहां चिंकारा बहुतायत है तो मोर की काफी है। हिरण, मोर, कबूतर, सियार भेडि़या जीवों का यहां विचरण होता है। वन क्षेत्र के पास ही राष्ट्रीय राजमार्ग २५ होने से यहां वाहनों की आवाजाही रहती है।
एेसे में वाहनों की टक्कर से हर माह काफी तादाद में वन्य जीव विशेषकर चिंकारा घायल होते हैं तो श्वानों के हमले से भी इनकी जान पर बन आती है। एेसे में समय पर इलाज की जरूरत रहती है।
वन्य जीवों के इलाज को लेकर वन विभाग की ओर से रेस्क्यू सेंटर खोले जाते हैं, लेकिन इस क्षेत्र में रेस्क्यू सेंटर का अभाव है।
पांच किमी की परिधि में वन- ग्राम पंचायत कुड़ी के ग्राम कुड़ी तथापटाऊ खुर्द की सरहद में लगभग 5 किलोमीटर तक वन क्षेत्र है। जिसकी परिधि में छह तालाब भी आते हैं जहां पर्याप्त पानी रहने से यह क्षेत्र वन्य जीव बाहुल्य है। यहां पर पहले वन्यजीवों की सुरक्ष के लिए वन्यजीव चौकी स्थापित थी, जिसे कुछ साल पहले हटा दिया। अवैध पेड़ कटाई से वन्य जीव खतरे में- जानकारी के अनुसार यहां से चौकी हटने से पेड़ों की अवैध कटाई हो रही है।
चोरी छुपे हो रही पेड़ कटाई से धीरे-धीरे वनस्पति कम हो रही है। इस पर हिरण, खरगोश, सियार, लोमड़ी, नीलगाय, सूअर ,नेवला, मोर, तीतर आदि जीवों का जीवन संकट में पड़ गया है।
कुड़ी-पटाऊ क्षेत्र में वन्य जीव बहुत अधिक हैं। वन्य जीव संरक्षण को लेकर कोई भी सरकारी सुविधा नहीं होने के कारण वन्य जीवों में कमी आ रही है। सरकार ने वन्यजीवों के क्षेत्र में कदम नहीं उठाया तो कई वन्य जीव लुप्त हो जाएंगे। रेस्क्यू सेंटर की जरूरत है।- राकेश चांपाणी, वन्यजीव प्रेमी
कुड़ीरेस्क्यू सेंटर की जरूरत- बालोतरा में वन जीवों को लेकर रेस्क्यू सेंटर है। कुड़ी-पटाऊ में वन्यजीव काफी है। वहां रेस्क्यू सेंटर की जरूरत है, लेकिन भवन बना कर चारदिवारी व स्टाफ की नियुक्ति सरकार स्थायी रूप से करेगी तभी फायदा मिलेगा।- मंगलाराम विश्नोई, क्षेत्रीय वन अधिकारी बालोतरा
Source: Barmer News