बाड़मेर
शहर के सिणधरी रोड़ स्थित बिजली घर से चौहटन चौराहा जीएसएस को जोडऩे वाली उच्च क्षमता की हाईटेंशन विद्युत लाइन शहर की दस कॉलोनियों में निवासरत परिवारों के लिए मुसिबत बन गई है। यहां हर पल परिवार के सदस्यों व बच्चों की जान जाने का खतरा बना हुआ है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी नियमों का हवाला देकर अनजान बन रहे है। साथ ही विद्युत लाइन की चपेट में आने से कई बार हादसें भी हो चुके है।
सिणधरी रोड़ 132 केवी जीएसएस से चौहटन सर्किल जीएसएस को जोडऩे के लिए करीब 40 साल पहले करीब 7 किमी 33 केवी लाइन पोल के जरिए लाइन को जोड़ा गया था। उस दौरान इस लाइन के नीचे कोई मकान नहीं था, लेकिन वर्तमान समय में इस लाइन के नीचे करीब एक हजार मकान बन गए है। अब इन मकानों के लिए यह लाइन मुसिबत बनी हुई है। जबकि विभाग के पास विद्युत लाइन हटाने को लेकर कोई स्कीम नहीं है। हालांकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 50 फीसदी रुपए उपभोक्ता जमा करवाए तो विभाग लाइन हटा सकता है।
कॉलोनियां बस गई, डिस्कॉम अनजान
चौहटन क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के लिए जाने वाली 33 केवी लाइन के नीचे कई कालोनियां बस गई है, लेकिन डिस्कॉम सालों पुरानी विद्युत लाइन का रखरखाव व बदलने को लेकर कोई प्रयास नहीं कर रहा है। इतना ही नहीं कई घरों पर तो यह लाइन टकराने लगी है। साथ ही कई मकानों के निर्माण कार्य भी अटक गए है।
यह क्षेत्र प्रभावित
शहर का रीको एरिया, रामनगर, शिवनगर, जाट कॉलोनी, विष्णु कॉलोनी, कुम्हारों का वास, जोगियों की दड़ी, मोहन जी का क्रेसर सहित इलाका प्रभावित है। विद्युत लाइन के नीचे करीब एक हजार परिवार निवास कर रहे है।
– हर पल जान का खतरा
घरों के ऊपर से गुजर रही विद्युत लाइन मुसिबत बन गई है। यहां हर पल जान का खतरा बना हुआ है। मकान तो बना लिए है, लेकिन अब छत का निर्माण करवाना अधरझूल हो गया है। – भैरसिंह, विष्णु कॉलोनी
– कई बार हादसें हुए है
विद्युत लाइन पुरानी हो गई है। इससे कई बार लोग चोटिल भी हुए है। मेरा लड़का भी चपेट में आ गया था। अब उपचार के बाद ठीक हुआ है। जिम्मेदार लाइन को हटाएं, अन्यथा कभी बड़ा हादसा हो जाएगा। – भगसिंह, स्थानीय निवासी
– 40 साल पुरानी है लाइन
यह लाइन करीब 7 किमी तक 10 कॉलोनियों के एक हजार परिवारों के लिए मुसिबत बनी हुई है। 40 साल पुरानी लाइन को अब बदलना चाहिए। – सवाईराम, स्थानीय निवासी
– हर वक्त डर लग रहा है
विद्युत लाइन अब तो छतों से टकराने लगी है। ऐसी स्थिति में परिवार के सदस्य छत पर भी जा नहीं सकते है। यह लाइन जिम्मेदार हटाकर स्थानीय लोगों को राहत प्रदान करें। – नरेन्द्रकुमार, स्थानीय निवासी
– 50 फीसदी सरकार वहन कर सकेगी
पुरानी लाइन हटाने के लिए सरकार 50 फीसदी बजट वहन कर सकती है। 50 फीसदी बजट या तो उपभोक्ता जमा करवाएं। अन्यथा किसी विधायक-सांसद कोष से जमा होने पर लाइन बदल सकते है। – मांगीलाल जाट, संभागीय मुख्य अभियंता, बाड़मेर
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Source: Barmer News