जोधपुर। जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जिला जोधपुर) राघवेंद्र काछवाल ने फिल्म अभिनेता सलमान खान के खिलाफ झूठे शपथ पत्र पेश करने के मामले में राज्य सरकार की अपील पर फैसला सुरक्षित रखा है। सम्भवत: आगामी सुनवाई 11 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा।
जिला अदालत में मंगलवार को सुनवाई के दौरान सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने राज्य सरकार की ओर से पेश दोनों आवेदन पत्रों का विरोध करते हुए कहा कि शपथ पत्र भूलवश पेश कर दिया गया था। ऐसे में सलमान को माफ कर बरी कर दिया जाना चाहिए। लगभग एक घंटे तक चली सुनवाई के दौरान सलमान खान की ओर से कहा गया कि बहुत ज्यादा व्यस्तता के कारण सलमान भूल गया था कि उसने हथियार लाइसेंस नवीनीकरण के लिए पेश कर रखा है।
सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों की नजीर पेश करते हुए सारस्वत ने दलील दी कि यदि किसी मामले में आरोपी को कोई फायदा न हो और भूलवश झूठा शपथ पत्र पेश हो जाए तो मामले में आरोपी को बरी कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने सलमान के खिलाफ सरकार की ओर से पेश अपील खारिज करने का अनुरोध किया।
बहस सुनने के बाद जिला न्यायाधीश काछवाल ने फैसला सुरक्षित रख लिया। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की ओर से पेश प्रार्थना पत्रों पर लोक अभियोजक ने गत ६ फरवरी को बहस पूरी कर ली थी। इसके बाद सलमान की ओर से जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया। अदालत ने सलमान को हाजिर होने को कहा था, लेकिन उनकी ओर से हाजरी माफी पेश की गई। सलमान को राजस्थान उच्च न्यायालय ने गत दिनों वर्चुअल माध्यम से अदालत में हाजिर होने की छूट दी है। सम्भवत: आगामी सुनवाई पर सलमान अदालत के सामने वर्चुअली पेश होंगे।
यह है मामला
सलमान खान को वर्ष 1998 में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान सलमान खान को कांकाणी सरहद में काले हरिणों के शिकार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में अदालत ने सलमान खान से हथियार लाइसेंस मांगा गया तो उसकी ओर से शपथ पत्र पेश करके कहा गया कि हथियार लाइसेंस कहीं खो गया है। इस बारे में मुम्बई के बांद्रा थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई है। सलमान की ओर से एफआईआर की प्रतिलिपि भी अदालत में पेश की गई। बाद में सामने आया कि सलमान ने तो लाइसेंस नवीनीकरण के लिए पेश कर रखा है। इस पर सरकार की ओर से सलमान के खिलाफ झूठा शपथ पत्र पेश करने का मामला चलाने की अर्जी लगाई गई थी।
Source: Jodhpur