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जोधपुर. शहर की मुख्य व्यापार मंडियों में शुमार रही जूनी मंडी आज भी व्यापार के साथ साथ आस्था का केन्द्र स्थल भी है लेकिन उसका आकार संकड़ा हो गया है। मंडी प्रांगण में कभी विशाल मैदान हुआ करता था लेकिन अब मंडी का आकार इतना संकड़ा हो गया है कि पैदल निकलना तक मुश्किल है। मंडी के आसपास शहर के कई प्राचीन आस्था स्थल भी है जिनमें राव गांगा निर्मित प्राचीन गंगश्यामजी मंदिर, मझ मंदिर, घनश्यामजी मंदिर, जैन मंदिर, बाबा रामदेव मंदिर शामिल है। धानमंडी में महाराजा मानसिंह की रानी ओमकंवर तंवर मारवाड़ में ठिकाना खेतासर ने विक्रम संवत 1868 में शिव मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर निर्माण पूरा होने के बाद महाराजा मानसिंह के हाथों प्रतिष्ठा करवाई गई और खुद महाराजा मानसिंह ने मंदिर का नाम मझ मंदिर रखा था। उसके बाद हर साल जूनी मंडी में मेले का आयोजन भी किया जाता रहा। यह मंदिर स्थापत्य कला की दृष्टि से अत्यंत सुंदर बना था। इसका गर्भगृह अनेक खंबों पर बना है। मंदिर में शिवलिंग व नंदी के अलावा संगमरमर की चौकी पर जलंधरनाथ के चरणचिह्न है। दो मंजिला मंदिर में तीन समाधियां भी बनी हुई है।

Source: Jodhpur

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