बाड़मेर. स्थानीय गेहूं रोड पर हुए वन विभाग की कथित तानाशाही कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और उपवन संरक्षक बाड़मेर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान आरसीए पूर्व कोषाध्यक्ष आजाद सिंह राठौड़ ने कहा कि वनविभाग की कार्रवाई को लेकर सरकार तक बात पहुंचा कर पीडि़तों को न्याय दिलवाया जाएगा।
रिलमलसिंह दांता ने कहा कि यहां के निवासी चालीस वर्षों से रह रहे हैं और नगर परिषद बाड़मेर से पट्टे, निर्माण इजाजत एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर रखे हैं, लेकिन वन विभाग ने उनको बेदखल कर दिया जो गलत है।
प्रवीणसिंह आगोर ने कहा कि इन दोनों खसरो पर वन विभाग का कोई लेना देना नहीं है।खसरा नंबर 1462, 1445 में पूर्व जागीरदार के न्यायालय क प्रमाणित पदों की जमीन पाई गई है।जागीरदारान की सुद जमीन मानकर उनके पक्ष में 2016 मे डिग्री भी जारी की जा चुकी है।
एबीवीपी जिला सह संयोजक मनोहर बारहठ भादरेश ने कहा कि वन विभाग की जमीन अलग कर रखी है लेकिन उनकी हद से निवास कर रहे लोगों के आवास तोडक़र विभाग ने गलत कार्य किया है। पार्षद दीनमोहम्मद हाजी ने कहा कि 4 फरवरी को बिना किसी पूर्व सूचना व नोटिस दिए वन विभाग ने लोगों के मकान तोडऩे प्रारंभ किए जो न्याय संगत नहीं है।
पार्षद नरपतसिंह धारा ने आरोप लगाया कि वन विभाग लोगों को टॉर्चर कर रहा है और सरकार मौन धारण करके बैठी है। स्थानीय निवासी भीम सिंह ने बताया कि खसरा नंबर 1462, 1445 में पूर्व जागीरदार के न्यायालय क प्रमाणित पदों की जमीन पाई गई है।जागीरदारान की सुद जमीन मानकर उनके पक्ष में 2016 मे डिग्री भी जारी की जा चुकी है।
इस दौरान उप सभापति सुरतानसिंह देवड़ा , पार्षद अशोक दर्जी, भीमसिंह पडि़हार, छात्र नेता भोमसिंह सुंदरा, पूर्व पंचायत समिति सदस्य सरवनसिंह, मुल्तान सिंह महाबार, पार्षद ठाकराराम, हड़वतसिंह आंटा, पीर मोहमद, राकेश खत्री, रतनदान भादरेश, पाबूदान, भोपाराम राईका, सोहनसिंह मारुडी, सुखदेव सोनी, नखतसिंह लूणू, भगवानसिंह लूणू,अजयपाल दांता, गेनदान उपस्थित थे।
Source: Barmer News