बालेसर (जोधपुर). बालेसर उपखंड क्षेत्र में भारतमाला परियोजना अंतर्गत जिया बेरी गांव में निर्माणाधीन सड़क के बीच में मुआवजा के इंतजार में ग्रामीण का झोपड़ा निर्माणाधीन सड़क के रेत के टीले के बीच फंसा है।
बालेसर उपखंड क्षेत्र के जिया बेरी नींबो का गांव निवासी डूंगरराम सुथार ने बताया कि भारतमाला परियोजना अंतर्गत निर्माणाधीन सड़क जिया बेरी निंबो का गांव से गुजर रही है। सड़क के बीच उनका खेत खसरा नंबर 1264 व 1263 में सरकार ने जमीन अधिग्रहण कर मुआवजा देने प्रक्रिया शुरू की है।
खसरा नंबर 1264 में उनकी झोपड़ी बनी है। खसरा नंबर 1263 में टांका बना है। पूर्व में सर्वे एवं मुआवजा सूची में तत्कालीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की गलती से झोपड़ा एवं टांका दोनों एक ही खसरा नंबर 1263 में दर्शा दिया जबकि वास्तव में झोपड़ा खसरा नंबर 1264 में बना है। इससे उनके झोपड़ा का मुआवजा नहीं मिला है।
करीब ढाई माह पूर्व तत्कालीन बालेसर उपखंड अधिकारी कंचन राठौड़ को मुआवजा की मांग की थी। अधिकारियों ने मौका मुआयना किया था, लेकिन झोपड़े का मुआवजा नहीं मिला है। जबकि सड़क ठेकेदार द्वारा उनकी झोपड़ी चारों तरफ रेत डालकर टीला बना दिया है। उनकी झोपड़ी निर्माणाधीन सड़क के लिए डाली जा रही रेत के टीले के अंदर दबती जा रही है।
प्रशासनिक अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। झोपड़ी मालिक डूंगरराम सुथार ने बताया कि जब तक उनको मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक झोपड़ी नहीं हटाएंगे।
Source: Jodhpur