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जोधपुर।
जिला कलक्टर इन्द्रजीतसिंह ने कहा कि जोधपुर जिला पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जैसलमेर सहित अन्य जिलों की यहां से कम दूरी के कारण यहां पर्यटकों की काफी आवाजाही रहती है। ऐसे में प्रयास हो कि यहां अधिक दिनों तक पर्यटक रुके।

बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में 3 घंटे चली पर्यटन विभाग की बैठक में उन्होंने कहा कि अतिथि देवो भव राजस्थान की संस्कृति रही है। सैकड़ों बावडिय़ां, झालरे, कुएं व ऐतिहासिक महत्व की जल संरचनाएं हैं। इन सभी को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक बनाया जा सकता है। विभिन्न छतरियां, हवेलिया, स्मारक की पारम्परिक धरोहर को संरक्षित करते हुए इन्हें भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना चाहिए। ऐतिहासिक स्थलों के जीर्णोद्वार के प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए।
इन मुद्दों पर हो काम

हॉस्पिटेलिटी : पर्यटन को बढावा देने के लिए दुकानदारों, वेन्डर्स सहित टूरिस्ट गाइड के प्रतिनिधियों को हॉस्पिटेलिटी की ट्रेनिंग देनी चाहिए।
वॉर म्यूजियम : सेना के साथ समन्वय स्थापित कर जिले में वॉर म्यूजियम बनाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि वॉर म्यूजियम पर्यटकों, विदेशी व अंतर्राज्यीय, स्थानीय पर्यटकों के लिए भी रूचि का केन्द्र बन सकता है।

खान-पान के प्रति पर्यटक आकर्षित
राज्यस्तरीय गाइड मदन लाल जांगिड़ ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि विदेशी पर्यटकों, जोधपुर की संस्कृति, खान-पान, रीति-रिवाज व संयुक्त परिवार व्यवस्था की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए शहर एवं ग्रामीण स्थानीय घरों से रूबरू कराने का प्रयास होना चाहिए। समिति सदस्य इंटेक महेन्द्रसिंह ने हेरिटेज धरोहर संरक्षण पर विस्तृत रूप से अपने विचार रखें। बैठक में उपनिदेशक पर्यटन भानुप्रताप, सहायक निदेशक सरिता फड़ोदा ने प्रस्तुति दी।

Source: Jodhpur

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