सिणधरी बाड़मेर. . मानवता की मिसाल बनने के लिए बड़े-बड़े काम करना जरूरी नहीं है कभी किसी गरीब और जरूरतमंद की दिल से की गई मदद भी दिल जीत लेती है। सिणधरी के कुछ युवाओं ने रविवार को ऐसी मिसाल पेश की।
गांव में कई दिनों से घूम रहे एक मानसिक विक्षिप्त से दिखने और मैले-कुचैले कपड़ों में दर-दर घूम रहे व्यक्ति को युवाओं ने नहला-धुलाकर तैयार किया और मारवाड़ी साफा पहनाकर जोधपुर अपनाघर उपचार को रवाना किया तो उसकी सूरत ही बदल गई।
सिणधरी कस्बे में कई दिनों से एक बुजुर्ग़ भटक रहा था। यहां व्हाट्सप के उड़ान ग्रुप के जरिए लोगो की मदद कर रहे श्रवण गोदारा की नजर पड़ी तो फटे, मैले-कुचैले व बदबूदार कपड़े व गंदे उलझे हुए बाल, मेल के कारण कोयले सा शरीर देखकर मन मपसीजा। ऐसी हालत कि नजदीक जाकर बात करना भी मुश्किल था, लेकिन उनसे बात करना शुरू किया। दिमागी हालात अस्थिर होने व स्थानीय भाषा का ज्ञान नहीं होने से जानकारी नहीं दे पा रह था। गोदारा ने शंभूलाल माली सहित अपने गु्रप के युवाओं को बुलाया और बुजुर्ग के बाल कटवाए गए। बढ़े हुए नाखून काटे , स्नान करवाकर साफ सुथरा किया। हाथों हाथ नए कपड़े पहनाए । लजीज भोजन करवाया । लंबे समय बाद ऐसी आत्मीयता व अपनापन महसूस हुआ जो उसकी मुस्कान भरे चेहरे से साफ झलकने लगा।
जोधपुर किया रवाना
युवाओं ने जोधपुर अपना घर से संपर्क कर वस्तुस्थिति की जानकारी दी। अपनाघर संस्थान ऐसे लोगों की मदद और उपचार करती है,संस्थान ने हामी भर दी।
साफा पहनाकर रवना
बुजुर्ग को मारवाड़ी मान-सम्मान की प्रतीक साफा पहनकर बहुमान करके व्यक्तिगत साधन की व्यवस्था कर सिणधरी से देर रात्रि जोधपुर में स्थित अपना घर संस्थान को सुपुर्द करके आए।
बिहार का बुजुर्ग
अपनाघर पहुंचने पर बुजुर्ग ने बताया कि वह बिहार के महाराज गंज का है। उसका नाम कन्हैया पुत्र इकबाल तेली है और उसके एक बेटा व बेटी है। मानसिक अस्थिरता से वह इधर-उधर भटक रहा है।
Source: Barmer News