बाड़मेर. कोरोना के चलते एक तरफ जहां दूध की गिलास बंद हो चुकी है तो पोषाहार ही पूरा नहीं मिल रहा। दाल, तेल व मसाले का कोम्बो पैक मिला तो सही लेकिन जुलाई माह तक का। गेहूं-चावल परिजन के मार्फत घर तक पहुंचे, लेकिन दिसम्बर तक के ही। स्कू ल में एक तरफ जहां खाना नहीं मिल रहा तो घरों तक भी पूरा निवाला नहीं पहुंचा है। एेसे में जिले के सवा दो लाख मिड डे मील से लाभान्वित बच्चों को पोष्टिक खाना शुरू होने का इंतजार है। सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से आठवीं तक अध्ययनरत बच्चों को मिड डे मील के तहत दोपहर का भोजन स्कू ल में दिया जाता है।
कोरोना लॉकडाउन से पहले सभी स्कू लों में समय पर पोषाहार मिल रहा था, लेकिन लॉकडाउन लगते ही स्कू ल बंद हो गए और पोषाहार मिलना भी। इसके बाद लम्बे समय तक स्कू ल नहीं खुले। इस बीच सरकार ने घोषणा की कि मिड डे मील से लाभान्वित होने वाले विद्यार्थियों को घर बैठे पोषाहार भेजा जाएगा। इसके लिए स्कू ल प्रबंधन को निर्देशित किया कि वे निर्धारित दर के हिसाब से बच्चों के परिजन को गेहूं व चावल वितरित करे। जिले की सभी स्कू ल में योजना के तहत पोषाहार बांटा, लेकिन अभी तक दिसम्बर तक का पोषाहार की घरों तक पहुंचा है। कोम्बो पैक भी जुलाई तक- इसी बीच सरकार ने एक और घोषणा की कि विद्यार्थियों को कोम्बो पैक घरों तक पहुंचाया जाएगा। कोम्बो पैक में दाल, मिर्च-मसाला, तेल आदि होगा। मार्च २०२० से जुलाई २०२० तक कोम्बो पैक विद्यार्थियों के घर पहुंचाया गया, लेकिन इसके बाद के सात माह का कोम्बो पैक विद्यार्थियों को अब तक नहीं मिला है।
स्कू ल में पोषाहार बंद– सरकार ने विद्यालयों में छठीं से बारहवीं तक की कक्षाएं संचालित करने की इजाजत तो दे दी, लेकिन मिड डे मील शुरू करने की नहीं। एेसे में बच्चों को स्कू ल में दोपहर का भोजन नहीं मिल रहा है। वहीं, घरों तक भी पूरी सामग्री नहीं पहुंच पाई है।
नहीं मिल रहा पोषाहार- बच्चों को घरों तक पोषाहार पूरा नहीं मिल रहा है। कोम्बो पैक का वितरण जुलाई माह तक का ही हुआ है। वहीं, गेहूं व चावल का वितरण भी दिसम्बर तक हुआ है। सरकार जल्द ही समय पर पोषाहार व कोम्बो पैक वितरण की व्यवस्था करे।- छगनमिसह लूणू, जिलाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम
मिला उसे वितरित किया- जो भी पोषाहार मिला है, उसको वितरित किया है। पूरा पोषाहार उपलब्ध होने पर वितरित कर दिया जाएगा।- मूलाराम चौधरी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय प्राथमिक शिक्षा बाड़मेर
Source: Barmer News