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बाड़मेर. जिले के गुड़ामालानी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में आर्या परियेाजना के तहत सोमवार से 21 दिवसीय पैरावेट प्रशिक्षण शुरू किया गया।
कार्यक्रम में केन्द्र प्रभारी डॉ. प्रदीप पगारिया ने कहा कि जिले में कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी आय का एक अच्छा स्त्रोत है। सिंचित क्षेत्र कम होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र की अधिकाश जनसंख्या पशुपालन पर निर्भर है। जबकि पशुओं की संख्या के अनुपात में पशु चिकित्सकों की संख्या बहुत कम है। जिससे पशुओं के बीमार हो जाने समय पर उपचार नहीं मिलता है। जिससे पशुओं की मौत अधिक होती है। इन सब के निदान को पशु चिकित्सकों की महत्ती आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितति में इस तरह के प्रशिक्षण से रोजगार के विभिन्न आयाम खुलेंगे साथ ही प्राथमिक पशु चिकित्सकीय सुविधाएं आसानी से प्राप्त हो सकेगी। भारतीय कृषि में सार्थक व प्रभावशाली बदलाव लाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा आर्या नामक एक महत्वपूर्ण परियोजना युवाओं के लिए प्रारंभ की गई है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के 35 वर्ष से कम आयु के युवाओं को कृषि की ओर आकषिज़्त करने और उन्हें कृषि में आकर्षक अवसर प्रदान करने लिए पैरावेट, बकरीपालन, मुर्गीपालन आदि पर प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे है, जिससे आजीविका के लिए शहरों की ओर युवाओं के बढ़ते पलायन को रोका जा सके।

Source: Barmer News

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