Posted on

बाड़मेर. लंबी दूरी की ट्रेनों से बाड़मेर पहुंचने वाले अन्य प्रदेशों के यात्रियों की कोरोना जांच की जा रही है। लेकिन स्टेशन पर जांच में नमूने बहुत ही कम एकत्रित हो रहे हैं। इसका एक कारण रेल से आने वाले कई यात्री बिना जांच के ही मुख्य द्वार की बजाय अन्य रास्तों से स्टेशन के बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में उनकी जांच नहीं हो पाती है। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है।
बाड़मेर में रेलवे स्टेशन पर चिकित्सा विभाग की एक टीम यहां पर गत 3 मार्च से तैनात है। स्टेशन पर रोजाना आने वाले बाड़मेर-ऋषिकेश स्पेशल एक्सप्रेस के अलावा अन्य साप्ताहिक ट्रेन के यात्रियों की सैम्पलिंग होती है। टीम को भी जानकारी मिली है कई यात्री स्टेशन के अन्य रास्तों से ही बाहर जा रहे हैं। इससे उनकी सैम्पलिंग नहीं हो रही है।
तीन यात्री मिल चुके हैं संक्रमित
अन्य राज्यों से आए तीन यात्री अब तक जांच में संक्रमित मिल चुके हैं। तीनों ही बाड़मेर जिले के ग्रामीण इलाकों से तालुल्क रखते हैं। पॉजिटिव आने के बाद उनका उपचार चल रहा है। लेकिन जांच नहीं करवाने वाले अपने आसपास के लोगों के लिए भी खतरा बन सकते हैं।
जांच करवाने से बचने का रास्ता
कई लोग कोरोना जांच से बचने के लिए दूसरे रास्तों से बाहर निकल रहे हैं। हालांकि रेलवे की ओर से ट्रेन आने के बाद अन्य राज्यों से आने वालों के लिए उदघोषणा की जा रही है कि बिना जांच स्टेशन से बाहर नहीं जाए और मुख्य द्वार के पास कोरोना सैम्पल देकर जाएं। इसके बावजूद कई यात्री जांच नहीं करवाकर दूसरों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। साथ ही यहां पर जीआरपी के जवान भी तैनात रहते हैं।
औसतन 60-70 नमूने रोज
रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों से आने वाले यात्रियों के औसतन रोजाना 60-70 नमूने लिए जा रहे हैं। इनमें से 18 मार्च को अब तक के अधिकतम 91 नमूने ऋषिकेश-बाड़मेर एक्सप्रेस से आए यात्रियों के लिए गए।

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *