बाड़मेर. बाड़मेर. महिला एव बाल विकास विभाग द्वारा चलाए जा रहे पोषण पखवाड़े के तहत सी.डी.पी.ओ बाड़मेर मे पोषण मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक व गीतों के माध्यम से कुपोषण को दूर करने के तरीकों पर प्रकाश डाला गया। स्थानीय रेसीपी से बने खा़़द्य पदार्थों को प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाली मानदेय कर्मियों का सम्मान किया गया।
सीडीपीओ बाडमेर शहर कृष्णसिंह महेचा ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि पोषण मेले की सार्थकता तभी है जब हम घर में पड़े अनाज, सब्जी, दालें तथा विभिन्न मसाला को उचित मात्रा में संतुलित भोजन के साथ ले। हम हमारे खान-पान का ध्यान बचपन से ही रखेंगे तो बच्चे शारीरिक दृष्टि मजबूत से होंगे। अपने बच्चों को घर में बनी वस्तुएं ही खिलाएं न कि पिज्जा, बर्गर, चाट व पानी पुड़ी। घ्यान रखें कि खाना खाने से पहले व बाद एक घण्टे तक चाय या दूध न पीये तथा भोजन में गुड़ का व नीम्बू का प्रयोग करें। प्रकृति ने हमे बाजरा दिया है जिसमें प्रचुर मात्रा में आयरन होता है उपयोग करें।
कार्यक्रम में महेश दादाणी ने कहा कि कोरोना काल में जिंदगी के सारे पैमाने पार कर समाज को नई दिशा दी। दो गज की दूरी, मुंह पर मास्क, खाने से पहले हाथ साबुन से धोना तथा कोविड-19 का टीका लगाना लगाना है। करोना काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशाओं ने बेहतर कार्य किया है।
बेहतर कार्य पर मिला सम्मान
मेले के दौरान ने श्रेष्ठ कार्य करने पर कार्यकर्ता कमला प्रजापत को माता जसोदा पुरस्कार के रूप में 5100 रुपए तथा सहायिका अंजना वासु को 2100 व आशा कान्ता को 2100 रुपए तथा प्रशंसा पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्माानित किया गया। वहीं रेसीपी के लिए नोजी प्रजापत, कविता गर्ग, पुष्पा स्वामी को व रंगोली में पिंकी राजपूत तथा दुर्गावती को सम्माानित किया गया। वहीं ममता शर्मा को परियोजना में सबसे अधिक लाभार्थियों को लाभ दिलाने के सम्बन्ध में सम्मानित किया गया।
Source: Barmer News