जोधपुर.
भीलवाड़ा जिले में फायरिंग में दो कांस्टेबल की हत्या करने के मामले पांच दिन बाद भी पुलिस खाली है। इन्हें पकडऩा राजस्थान पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है। इनकी धरपकड़ के लिए आठ जिलों की पुलिस और एटीएस.एसओजी के 32 पुलिस अधिकारियों की विशेष टीम गठित की गई है।
पुलिस के अनुसार बदमाशों की धरपकड़ के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एटीएस-एसओजी) अशोक राठौड़ गुरुवार को जोधपुर पहुंचे और आठ जिलों की पुलिस व एटीएस.एसओजी के अधिकारियों के साथ विशेष बैठक ली।
जिसमें ने नामजद व अन्य संदिग्धों को पकडऩे के लिए पुलिस अधिकारियों की स्पेशल टास्क फोर्स गठित कर हर वांछित के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई।
एएसपी प्रभारी, चार अन्य अधिकारी भी शामिल
हत्या के आरोपियों को पकडऩे के एएसपी (एसओजी-एटीएस) जोधपुर कमलसिंह तंवर को प्रभारी बनाया गया है। इनके साथ भीलवाड़ा पुलिस के एक उपाधीक्षक, जोधपुर पुलिस के एक निरीक्षक व दो अन्य निरीक्षकों को सुपरविजन का जिम्मा सौंपा गया है।
आठ जिलों की पुलिस की ताकत झोंकी
वांछित बदमाशों को पकडऩे के लिए जोधपुर, बाड़मेर, पाली, भीलवाड़ा, जैसलमेर, नागौर, बाड़मेर, जालोर व उदयपुर के पुलिस अधिकारियों को लगाया गया है। वहीं साइबर व तकनीकी एक्सपर्ट की टीम को अलग से जिम्मेदारी दी गई है।
Source: Jodhpur