बाड़मेर. आमजन को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए फील्ड में ड्यूटी करने वाली आशा सहयोगिनियों के काम नहीं करने की स्थिति में उन्हें हटाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए चिकित्सा विभाग भौतिक सत्यापन करवा रहा है। इसके बाद उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सरकारी रिपोर्ट में बाड़मेर में सर्वाधिक आशा सहयोगिनियों के काम नहीं करने की जानकारी सामने आई थी। इसके बाद जिले की 67 आशाओं के भौतिक सत्यापन के निर्देश दिए जा चुके हैं।
पहले देंगे नोटिस, फिर होगी कार्रवाई
विभाग की ओर से काम नहीं करने पर पहले नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद कार्रवाइ अमल में लाई जाएगी। ऐसा सामने आया है कि कुछ मातृत्व अवकाश पर चल रही हैं। इसके चलते उनकी कार्य प्रगति शून्य आई है। वहीं कुछ काम नहीं कर रही हैं। इसके कारण प्रोत्साहन राशि शून्य आई थी।
आमजन योजनाओं के लाभ से वंचित
जिले में 2420 आशाएं हैं। इनमें अधिकांश काम कर रही हैं। विभाग की माने तो करीब 20 आशाएं काम नहीं कर रही हैं। ऐसे में उन्हें हटाने की तैयारी की जा रही है। काम नहीं करने से सरकारी योजनाओं के लाभ से आमजन वंचित हो रहा है।
ये काम है आशाओं के जिम्मे
आशाओं को गर्भवती महिलाओं को नौ माह तक चिकित्सा सेवाएं दिलानी होती है। इसके बदले में उन्हें तीन सौ रुपए, प्रसव बाद तीन सौ व 42 दिन तक माता-शिशु को चिकित्सा सेवा दिलाने पर प्रोत्साहन राशि मिलती है। इसके अलावा उन्हें 2700 रुपए मानदेय भी मिलता है। इसके साथ चिकित्सा विभाग की योजनाओं की क्रियान्विति व टीकाकरण आदि में भी सहयोग लिया जाता है।
करवाई जा रही है जांच
जिले में 2024 में से 20 आशाएं काम नहीं कर रही है। इसके अलावा कुछ मातृत्व अवकाश पर या फिर बीमार हैं। इस कारण काम नहीं कर रही हैं, उनकी जांच करवाई जा रही है।
राकेश भाटी, जिला आशा समन्वयक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, बाड़मेर
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Source: Barmer News