बाड़मेर. बाड़मेर जिला अस्पताल का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट परीक्षा की घड़ी में हांफ गया। पिछले चार-पांच दिनों से पूरी तरह से उत्पादन बंद है और मरीजों के लिए ऑक्सीजन के सिलेंडर बाहर से भरवाकर मंगवाने पड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ महीनों पहले ही जनरेशन प्लांट शुरू हुआ था और पाइप लाइन से ऑक्सीजन मरीजों के बेड तक पहुंचनी शुरू हुई थी। लेकिन जब प्लांट की परीक्षा की घड़ी आई और अस्पताल को ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत हुई तो अब उत्पादन ही ठप हो गया।
अस्पताल में कोरोना संक्रमितों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो रही है। भर्ती मरीजों की संख्या 150 के करीब पहुंच रही है। ऐसे में यहां करीब 60-65 मरीजों को ऑक्सीजन की लगातार जरूरत है। लेकिन इस बीच प्लांट तकनीकी कारणों के चलते ठप चल रहा है। इसके कारण फिर से अस्पताल प्रबंधन यहां जालीपा रोड स्थित प्लांट से सिलेंडर भरवा रहा है। सिलेंडर्स को प्लांट के पुराने सिस्टम से जोड़कर पाइप लाइन से ही मरीजों को ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। वहीं इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए वार्ड में सिलेंडर रखवाए गए हैं।
100 से 150 सिलेंडर रोज की खपत
बाड़मेर जिला अस्पताल में रोजाना 100-150 सिलेंडर की खपत हो रही है। कोविड मरीजों की संख्या के चलते ऑक्सीजन की खपत बहुत अधिक हो रही है। गंभीर स्थिति के मरीजों को लगातार ऑक्सीजन देना जरूरी है। ऐसे में सिलेंडर खाली होते ही फिर से भरने को भेजे जा रहे हैं।
90 सिलेंडर की उत्पादन क्षमता
ऑक्सीजन प्लांट की प्रतिदिन 90 सिलेंडर भरने की क्षमता बताई गई। लेकिन अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि इस क्षमता को कभी प्लांट पूरा ही नहीं कर पाया और अब कई दिनों से यह काम ही नहीं कर रहा है। इसलिए ऑक्सीजन के सिलेंडर बाहर के प्लांट से भरवा रहे हैं।
बाहर से भरवा रहे हैं सिलेंडर
अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट कुछ दिनों से काम नहीं कर रहा है। इसलिए ऑक्सीजन सिलेंडर बाहर से मंगवाने पड़ रहे हैं। संक्रमितों की संख्या बढऩे से ऑक्सीजन की जरूरत बहुत अधिक बढ़ी है। ऑक्सीजन की खपत की मॉनिटरिंग की जा रही है। सभी जरूरत वाले मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है। वर्तमान में प्रतिदिन 100-150 सिलेंडर की जरूरत चल रही है।
डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज बाड़मेर
Source: Barmer News