बाड़मेर. प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की स्थापना ताो की जा रही है लेकिन न तो भवन बने ना ही बजट मिला। अलग से स्टाफ की भी भर्ती नहीं निकली और हिन्दी माध्यम के विद्यालयों से शिक्षक लगा दिए।
इन शिक्षकों को वेतन भी हिन्दी माध्यम विद्यालयों में रिक्त पदों से मिल रहा है लेकिन पढ़ा रहे अंग्रेजी माध्यम में।सरकार की ओर से हिन्दी माध्यम विद्यालयों के नाम बदलकर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जा रहे है। जिसके कारण हिन्दी माध्यम के विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को दिक्कत हो रही है।
इन विद्यालयों के लिए भवन नहीं बना होने से ङ्क्षहंदी माध्यम विद्यालयों को ही अंग्रेजी माध्यम का बना दिया। एेसे में बिना भवन के ही इन विद्यालयों ने ङ्क्षहदी माध्यम के स्कू लों में कार्य शुरू कर दिया। इतना ही नहीं भवन निर्माण सहित अन्य कार्यों के लिए बजट भी जारी नहीं किया गया। एेसे में बने भी तो कैसे?
प्रथम चरण में 33 विद्यालय- प्रदेश में प्रथम चरण में 33 जिला मुख्यालयों पर महात्मागांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की स्थापना की गई। इसके कारण जिला मुख्यालयों के 33 हिन्दी माध्यम विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में बदला गया।
167 ब्लॉकों में भी हिन्दी माध्यम विद्यालय बंद– इसके बाद प्रदेश के 167 ब्लॉक मुख्यालयों पर अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की स्थापना की गई, जिसमें भी हिन्दी माध्यम विद्यालयों को बन्द करना पड़ा। बाड़मेर जिले में १३ ब्लॉक में महात्मागांधी अंग्रेजी मीडियम स्कू ला खोले गए।
अब 5 हजार की आबादी वाले गांवों में इंग्लिश मीडियम स्कू ल- मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2021-22 के तहत अब प्रदेश के 5 हजार की आबादी वाले गांवों में 1200 अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जाएंगे। एेसे में इतने ही हिन्दी माध्यम विद्यालयों के अस्तित्व पर फिर खतरा मंडरा रहा है।
जिले में यहां अंग्रेजी माध्यम स्कू ल- जिले में बाड़मेर, बायतु, कल्याणपुर, पाटोदी, गिड़ा, समदड़ी, शिव, सिणधरी, गुड़ामालानी, धोरीमन्ना, धनाऊ, सेड़वा व रामसर में महात्मागांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय हैं।
अलग बजट का हो प्रावधान- अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाए। साथ ही अलग से भर्ती निकले व पर्याप्त भवन व अन्य सुविधाओं का भी इंतजाम होना चाहिए।– बसन्त कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा बाड़मेर
नए सिरे से खुले अंग्रेजी मीडियम स्कू ल- सरकार को हिंदी माध्यम के विद्यालय बन्द नहीं करके अलग से नए सिरे से अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जाने चाहिए। साथ ही सभी प्रकार की व्यवस्था भी होनी चाहिए।– प्रकाश डारा, शिक्षक नेता, धोरीमन्ना
Source: Barmer News